राष्ट्रीय
16-Dec-2025


अररिया,(ईएमएस)। भारत सरकार के एग्री स्टेक परियोजना के तहत जिले के 2 लाख 78 हजार किसानों का फार्मर आईडी बनाने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। जिसमें किसानों को उनकी जमीन, उनके द्वारा की जाने वाली फसल की खेती, उस फसल में उपयोग होने वाले फर्टिलाइजर की मात्रा सहित अन्य कृषि संबंधी जानकारी ऑनलाइन दर्ज रहेगी। भारत सरकार ने किसानों के हितों का ध्यान रखते हुए शिविर लगाकर किसानों का फार्मर आईडी बनाने का निर्देश दिया है। इसमें बिहार भूमि के डेटाबेस को समेकित कर प्रत्येक राजस्व ग्राम के किसानों का ऑनलाइन डाटा तैयार किया जाएगा। विभाग के अनुसार फार्मर आईडी से वास्तविक किसानों को उनके जमीन और फसल की जानकारी ऑनलाइन दर्ज होगी। किसानों को सरकारी योजनाओं और सब्सिडी का लाभ लेने में सहूलियत होगी। फसल बिक्री और आय की जानकारी ऑनलाइन दर्ज रहेगी। किसानों के समस्याओं के निष्पादन में तेजी आएगी। फार्मर आईडी कृषि कार्यों के लिए किसानों को दी जाएगी। इसमें कोताही बरतने वाले कृषि कर्मियों पर कार्रवाई तय है। जिन पंचायतों की उपलब्धि लक्ष्य से कम होगी। उनके विरुद्ध नियम संगत कार्रवाई होगी। फार्मर आईडी के शिविर में किसानों को जमीन संबंधी विवरण, आधार कार्ड और मोबाइल नंबर देना होगा। फार्मर आईडी नहीं होने पर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से किसानों को वंचित होना पड़ेगा। फर्जीवाड़ा पर पूरी तरह से अंकुश लगेगा। कृषि के क्षेत्र में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली अनुदान के बोझ में कमी आएगी। वास्तविक किसानों को इससे फायदा होगा। और अनुदान का दुरुपयोग रुकेगा। फार्मर आईडी बनने से फर्जी ढंग से किसान रजिस्ट्रेशन कराने वालो का पंजीयन रद्द होगा। और उन्हें कृषि संबंधी किसी प्रकार की सहायता और अनुदान नहीं मिलेगी। वही फसल बीमा में फर्जीवाड़ा रुकेगी। राजस्व गांवो का वास्तविक रकवा से अधिक खेती दिखाकर किसान अब अनुदान नहीं ले पाएंगे। आशीष दुबे / 16 दिसंबर 2025