17-Dec-2025
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नई दिल्ली,(ईएमएस)। भारत सरकार देश की सीमाओं की सुरक्षा को और मजबूत करने की दिशा में लगातार कदम उठा रही है। घुसपैठ, तस्करी और सीमा पार से होने वाली आपराधिक गतिविधियों पर रोक लगाने के उद्देश्य से भारत-पाकिस्तान और भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर बड़े पैमाने पर भौतिक बाड़बंदी (फेंसिंग) की गई है। गृह मंत्रालय ने लोकसभा में इसकी विस्तृत जानकारी दी है। सदन को गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लिखित उत्तर में बताया, कि भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा के 93 प्रतिशत से अधिक हिस्से पर फेंसिंग पूरी हो चुकी है। मंत्रालय के अनुसार, भारत-पाकिस्तान सीमा की कुल लंबाई 2,289.66 किलोमीटर है, जिसमें से 2,135.136 किलोमीटर (93.25%) क्षेत्र में बाड़ लगाई जा चुकी है। हालांकि, अब भी 154.524 किलोमीटर (6.75%) सीमा क्षेत्र ऐसा है, जहां फेंसिंग का काम शेष है। यह सीमा जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात से होकर गुजरती है और राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील मानी जाती है। इसी तरह, भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भी बड़े स्तर पर फेंसिंग की गई है। कुल 4,096.70 किलोमीटर लंबी इस सीमा में से 3,239.92 किलोमीटर, यानी लगभग 79.08 प्रतिशत हिस्से पर बाड़बंदी पूरी हो चुकी है। वहीं, करीब 856.778 किलोमीटर (20.92%) क्षेत्र में अब भी फेंसिंग नहीं हो सकी है। भारत-बांग्लादेश सीमा पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम से होकर गुजरती है और यहां अवैध घुसपैठ व तस्करी की चुनौतियां लंबे समय से बनी रही हैं। भारत-म्यांमार सीपा पर भी होगी फेंसिंग गृह मंत्रालय ने यह भी बताया कि भारत-म्यांमार सीमा पर भी फेंसिंग की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं। 1,643 किलोमीटर लंबी इस सीमा में अब तक 9.214 किलोमीटर हिस्से पर भौतिक बाड़ लगाने का काम पूरा किया जा चुका है। हालांकि, यह प्रगति अभी शुरुआती चरण में है। सरकार का कहना है कि सीमा पर बाड़ लगाना उसकी व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति का अहम हिस्सा है। इसका उद्देश्य अवैध घुसपैठ को रोकना, सीमा पार अपराधों पर नियंत्रण और सीमावर्ती इलाकों में शांति व स्थिरता बनाए रखना है। उल्लेखनीय है कि भारत की कुल भूमि सीमा लगभग 15,106.7 किलोमीटर और तटरेखा 7,516.6 किलोमीटर लंबी है। भारत सात पड़ोसी देशों के साथ अपनी भूमि सीमाएं साझा करता है। सरकार के अनुसार, सीमाओं की सुरक्षा को लेकर फेंसिंग के साथ-साथ तकनीकी निगरानी और सीमा बलों की तैनाती को भी लगातार मजबूत किया जा रहा है। हिदायत/ईएमएस 17 दिसंबर 2025