अंतर्राष्ट्रीय
17-Dec-2025
...


- 23 साल का साइको किलर - दिल दहला देने वाला अपराध - आरोपी को 19 साल की सजा - मुकदमे के दौरान आरोपी को अदालत में पिंजरे में रखा गया रूस (ईएमएस)। रूस से सामने आए एक रोंगटे खड़े कर देने वाले मामले ने न केवल पूरे देश बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी झकझोर कर रख दिया। 23 वर्षीय दिमित्री लुचिन ने अपनी 45 वर्षीय प्रेमिका ओल्गा बुदुनोवा की बेरहमी से हत्या कर उसके शव के टुकड़े किए और कथित तौर पर नरभक्षण किया। यह खौफनाक वारदात वर्ष 2018 की बताई जा रही है, जिसमें आरोपी को हाल ही में अदालत ने दोषी ठहराते हुए 19 साल की सख्त कारावास की सजा सुनाई है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, दिमित्री लुचिन ने महिला दिवस के बहाने ओल्गा बुदुनोवा को अपने घर बुलाया था। दोनों ने साथ में शराब पी, जिसके कुछ ही समय बाद लुचिन ने बोतल से हमला कर ओल्गा की हत्या कर दी। इसके बाद उसने चाकू से शव के कई टुकड़े किए। अभियोजन पक्ष के अनुसार, आरोपी ने शव के कुछ हिस्सों को तवे पर भूनकर खाया और खून को गिलास में भरकर पीया। यह खुलासे सामने आने के बाद मामला रूस के सबसे भयावह अपराधों में गिना जाने लगा। पड़ोसियों ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि फ्लैट के भीतर का दृश्य बेहद डरावना था। आरोप है कि लुचिन ने मृतका के कान काटे, एक कान अपने मुंह में रखा और दूसरा बिल्ली के कटोरे में डाल दिया। साथ ही खून और नेल पॉलिश से शरीर पर आपत्तिजनक शब्द लिखे गए थे। पड़ोसियों के अनुसार, आरोपी का व्यवहार पहले से ही असामान्य लगता था और वह लोगों से अलग-थलग रहता था। जांच में यह भी सामने आया कि लुचिन शैतान की पूजा और तांत्रिक गतिविधियों में रुचि रखता था। उसने कथित तौर पर लूसिफ़र को बुलाने के लिए शैतानी प्रतीक बनाए थे। अभियोजकों ने अदालत को बताया कि लुचिन सीरियल किलरों से अत्यधिक प्रभावित था और हत्याओं से जुड़ी डरावनी वेबसाइटों पर घंटों समय बिताता था। इसी जुनून ने उसे इस क्रूर अपराध की ओर धकेला। मुकदमे के दौरान सुरक्षा कारणों से आरोपी को अदालत में पिंजरे में रखा गया। सुनवाई के दौरान उसने खुद को छात्र, खिलाड़ी और कवि बताते हुए दावा किया कि वह न तो पागल है और न ही हत्यारा। हालांकि, अदालत ने मेडिकल और मानसिक परीक्षणों के आधार पर उसे मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ पाया। जज एलेक्सी स्टैनोव्स्की ने अपने फैसले में कहा कि आरोपी ने “विशेष क्रूरता” के साथ हत्या की है, जो समाज के लिए बेहद खतरनाक है। अदालत ने उसे कठोर व्यवस्था वाली जेल में 19 साल की सजा सुनाई। जज ने यह भी स्पष्ट किया कि आरोपी किसी मानसिक बीमारी से पीड़ित नहीं था, बल्कि उसके विचार और इरादे अत्यंत क्रूर थे। यह घटना रूस ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में साइको किलिंग और नरभक्षण जैसे अपराधों पर गंभीर सवाल खड़े करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह मामला इस बात की चेतावनी है कि हिंसक विचारधाराओं, इंटरनेट पर मौजूद खतरनाक सामग्री और मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी किस तरह भयावह परिणाम ला सकती है।