राष्ट्रीय
18-Dec-2025
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-2014 से अब तक कुल 23,360 जवानों ने नौकरी से दिया इस्तीफा नई दिल्ली,(ईएमएस)। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में मानसिक दबाव और सेवा से जुड़ी चुनौतियों की तस्वीर फिर सामने आई। सरकार ने संसद को बताया है कि बीते तीन सालों में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों असम राइफल्स और नेशनल सिक्योरिटी गार्ड में खुदकुशी और आपसी हिंसा के कई मामले दर्ज हुए हैं। लोकसभा में एक लिखित जवाब में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने जानकारी दी कि साल 2023 से 2025 के बीच कुल 438 आत्महत्याओं और सात फ्रैट्रिसाइड की घटनाएं सामने आईं। आंकड़ों के मुताबिक 2023 में आत्महत्या के 157 मामले दर्ज हुए थे, जो 2025 में घटकर 133 रह गए। फ्रैट्रिसाइड की बात करें तो 2023 में दो, 2024 में एक और 2025 में चार घटनाएं दर्ज की गईं। बल वार आंकड़ों में सबसे ज्यादा आत्महत्याएं केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में दर्ज की गईं, जहां तीन साल में 159 जवानों ने आत्महत्या की। इसके बाद बॉर्डर सिक्युरिटी फोर्स में 120 और सेंट्रल इंस्ट्रीरियल सिक्युरिटी फोर्स में 60 आत्महत्याओं के मामले सामने आए हैं। मंत्री ने बताया कि 2014 से 2025 के बीच केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और असम राइफल्स के कुल 23,360 जवानों ने नौकरी से इस्तीफा दिया। इनमें सबसे ज्यादा 7,493 इस्तीफे बीएसएफ से आए। इसके बाद सीआरपीएफ से 7,456 और सीआईएसएफ से 4,137 जवानों ने सेवा छोड़ी। साल 2025 में अब तक 3,077 इस्तीफे दर्ज किए गए हैं। इनमें सबसे ज्यादा 1,157 इस्तीफे बीएसएफ से हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सेवा शर्तों पर जवाब देते हुए मंत्री ने बताया कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों जवान सामान्य तौर पर आठ घंटे की शिफ्ट में काम करते हैं, हालांकि ऑपरेशनल जरूरतों के अनुसार ड्यूटी समय बदलता रहता है। उन्होंने कहा कि फील्ड में तैनात जवानों को साल में 75 दिन की छुट्टी का प्रावधान है, जिसमें 60 दिन की अर्जित छुट्टी और 15 दिन की कैजुअल लीव शामिल है। सरकार के मुताबिक जवानों के लिए मानसिक स्वास्थ्य सहायता भी उपलब्ध कराई जा रही है। सीएपीएफ और यूनिट अस्पतालों में मनोरोग सेवाएं दी जा रही हैं। साथ ही तनाव प्रबंधन, जागरूकता कार्यक्रम, योग और ध्यान सत्रों के जरिए मानसिक संतुलन बनाए रखने की कोशिश की जा रही है। सिराज/ईएमएस 18 दिसंबर 2025