चंडीगढ़ (ईएमएस)। पंजाब में जिला परिषद और ब्लॉक समिति चुनावों के मतगणना परिणामों ने राज्य की राजनीति में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) की मजबूत पकड़ को एक बार फिर उजागर कर दिया है। अब तक घोषित नतीजों के अनुसार आप ने दोनों ही स्तरों पर अधिकांश सीटों पर जीत दर्ज करते हुए कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी को पीछे छोड़ दिया है। हालांकि अंतिम परिणामों की आधिकारिक घोषणा का अभी इंतजार है, लेकिन मौजूदा आंकड़े स्पष्ट संकेत दे रहे हैं कि ग्रामीण राजनीति में भी आप का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है। राज्य चुनाव आयोग के अनुसार मंगलवार को सभी मतगणना केंद्रों पर शांतिपूर्ण ढंग से मतगणना प्रक्रिया पूरी कर ली गई। प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे, जिससे किसी भी तरह की अप्रिय घटना सामने नहीं आई। आम आदमी पार्टी ने इन चुनावों को संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने के लिहाज से अहम माना था, और नतीजों ने पार्टी की रणनीति को सफल साबित किया है। जिला परिषद के कुल 346 जोनों के लिए चुनाव कराए गए थे, जिनमें से अब तक 177 जोनों के परिणाम घोषित हो चुके हैं। इनमें आम आदमी पार्टी ने 98 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि 22 सीटों पर उसके उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए। इस तरह घोषित नतीजों में आप के पास कुल 120 सीटें आ चुकी हैं। इसके मुकाबले कांग्रेस को 27 सीटें और शिरोमणि अकाली दल को 21 सीटों से संतोष करना पड़ा है। बहुजन समाज पार्टी ने 3 सीटें जीती हैं, जबकि भाजपा और सीपीआई (एम) अब तक अपना खाता नहीं खोल पाई हैं। खडूर साहिब के एक जोन में वैध नामांकन न मिलने के कारण वहां चुनाव नहीं हो सका। ब्लॉक समिति की कुल 2838 सीटों में से 352 सीटों पर उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए थे, जबकि 2486 जोनों के लिए मतदान हुआ। अब तक 2097 सीटों के नतीजे घोषित किए जा चुके हैं। इनमें आप ने 892 सीटों पर सीधी जीत हासिल की है और 339 सीटें निर्विरोध जीतकर कुल 1231 सीटों पर कब्जा जमाया है। कांग्रेस को 419 सीटों पर जीत और 3 निर्विरोध सीटों के साथ कुल 422 सीटें मिली हैं। शिरोमणि अकाली दल को 253, भाजपा को 49 और बसपा को 26 सीटें हासिल हुई हैं। इसके अलावा निर्दलीय उम्मीदवारों ने 116 सीटों पर जीत दर्ज की है। अब तक के रुझानों से साफ है कि आम आदमी पार्टी ने ग्रामीण इलाकों में अपनी राजनीतिक पकड़ को और मजबूत किया है। विपक्षी दलों के लिए ये नतीजे चेतावनी के रूप में देखे जा रहे हैं, खासकर कांग्रेस और अकाली दल के लिए, जिनका परंपरागत आधार ग्रामीण क्षेत्रों में माना जाता रहा है। हालांकि चुनाव आयोग की ओर से अंतिम आंकड़े जारी होने के बाद ही पूरी तस्वीर स्पष्ट होगी, लेकिन मौजूदा परिणामों ने पंजाब की राजनीति में आप के बढ़ते प्रभाव को मजबूती से रेखांकित कर दिया है।