वॉशिंगटन (ईएमएस)। फेंटानिल के बढ़ते खतरे को देखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा इस खतरनाक ड्रग्स को आधिकारिक तौर पर “सामूहिक विनाश का हथियार” घोषित किया गया है। यह आदेश ओवल ऑफिस में रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ, ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के चेयरमैन जनरल डैन केन, व्हाइट हाउस के सीमा मामलों के प्रमुख टॉम होमन और अन्य शीर्ष सैन्य अधिकारियों की मौजूदगी में जारी किया गया। हस्ताक्षर के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि फेंटानिल वास्तव में सामूहिक विनाश का हथियार है, क्योंकि यह जिस पैमाने पर अमेरिकी नागरिकों की जान ले रहा है, वह किसी पारंपरिक बम या हथियार से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि कोई भी बम वह तबाही नहीं मचा सकता, जो यह खतरनाक सिंथेटिक ड्रग कर रहा है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि इस नए वर्गीकरण के व्यावहारिक प्रभाव क्या होंगे, इस पर अभी पूरी तस्वीर साफ नहीं है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इससे फेंटानिल की लत के शिकार लोगों के इलाज, पुनर्वास या तस्करी में शामिल अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई में किस तरह के ठोस बदलाव आएंगे। आमतौर पर “सामूहिक विनाश का हथियार” शब्द का इस्तेमाल परमाणु, रासायनिक, जैविक या साइबर हथियारों के लिए किया जाता है, जो बड़े पैमाने पर जनसंहार और दीर्घकालिक नुकसान पहुंचाने की क्षमता रखते हैं। ऐसे में फेंटानिल को इस श्रेणी में शामिल करना अमेरिकी नीति में एक असाधारण कदम माना जा रहा है। इस कार्यकारी आदेश में गृह सुरक्षा मंत्री को निर्देश दिया गया है कि वे उन्हीं खुफिया संसाधनों और तरीकों का इस्तेमाल करें, जिनका उपयोग अब तक सामूहिक विनाश के अन्य हथियारों का पता लगाने में किया जाता रहा है, ताकि फेंटानिल की तस्करी में शामिल गिरोहों की पहचान की जा सके। इसके साथ ही आदेश में विदेश विभाग और वित्त विभाग को भी अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। दोनों विभागों को फेंटानिल की तस्करी से जुड़े वित्तीय संस्थानों, नेटवर्क और संगठनों पर प्रतिबंध लगाने तथा उनकी संपत्तियां जब्त करने के निर्देश दिए गए हैं। आदेश में यह भी कहा गया है कि फेंटानिल और अन्य मादक पदार्थों की तस्करी से निपटने के लिए पेंटागन और न्याय विभाग के बीच सहयोग और समन्वय को और मजबूत किया जाए। गौरतलब है कि इससे पहले भी ट्रंप प्रशासन ने साल की शुरुआत में कुछ ड्रग तस्करी गिरोहों को आतंकवादी संगठनों के रूप में नामित किया था। इस फैसले से सशस्त्र बलों और घरेलू कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच सहयोग को बढ़ावा मिला, लेकिन कई कानूनी विशेषज्ञों ने इसकी वैधता और दायरे पर सवाल खड़े किए थे। आलोचकों का मानना है कि इस तरह के कदमों से सैन्य और नागरिक कानून प्रवर्तन की सीमाएं धुंधली हो सकती हैं। इसी बीच राष्ट्रपति ट्रंप ने एक और संकेत दिया है कि उनका प्रशासन गांजे को फिर से कम खतरनाक मादक पदार्थ के रूप में वर्गीकृत करने पर विचार कर रहा है। उन्होंने कहा कि बहुत से लोग इस बदलाव की मांग कर रहे हैं और सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है। सुदामा/ईएमएस 19 दिसंबर 2025