- जिसने अपना मूल धर्म त्यागा, उसके लिए अलग व्यवस्था होनी चाहिए - हिंदू संगठनों ने कब्रिस्तान पहुंचकर शव दफनाने का विरोध किया - कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कब्रिस्तान की सुरक्षा बढ़ी कांकेर(ईएमएस)। जिले के आमाबेड़ा थाना क्षेत्र के ग्राम बड़े तेवड़ा में धर्मांतरित व्यक्ति के शव को दफनाने को लेकर उपजा विवाद उग्र हिंसा में तब्दील हो गया। शव को कब्र से निकालकर गांव से बाहर अंतिम संस्कार कराने की मांग कर रहे आक्रोशित ग्रामीणों ने प्रदर्शन के दौरान चर्च में तोड़फोड़ की और आग लगा दी। इसके साथ ही सरपंच के घर में भी जमकर तोड़फोड़ की गई। इस घटनाक्रम के दौरान आदिवासी और ईसाई समाज के बीच हिंसक झड़प हो गई। हालात उस समय और बिगड़ गए जब भीड़ ने पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। इस हिंसा में अंतागढ़ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आशीष बंसोड़ समेत 20 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन को भारी पुलिस बल तैनात करना पड़ा। भारी विरोध और तनाव के बीच प्रशासन ने शव को कब्र से निकालकर गांव से बाहर भेजने का निर्णय लिया। इसके बाद हालात धीरे-धीरे नियंत्रण में आए। फिलहाल गांव में शांति बनी हुई है, लेकिन पुलिस बल की तैनाती जारी है। इधर, बड़े तेवड़ा के बाद धर्मांतरित व्यक्ति के शव को चारामा तहसील मुख्यालय में दफन किए जाने की सूचना मिलते ही वहां भी तनाव की स्थिति बन गई। विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और अन्य हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता कब्रिस्तान पहुंच गए और शव दफनाने का विरोध शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि जिसने अपना मूल धर्म त्याग दिया है, उसके लिए अलग व्यवस्था होनी चाहिए और ऐसे शवों को स्थानीय परंपराओं या सार्वजनिक स्थलों पर दफनाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए चारामा में भी पुलिस और प्रशासन की टीम तैनात की गई है। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कब्रिस्तान और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। प्रशासन दोनों पक्षों से संवाद कर मामले को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने का प्रयास कर रहा है।