राज्य
19-Dec-2025
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सवर्ण समाज पक्षपात करता है, यही जातिवादी सोच हमें भी अपनानी होगी भोपाल (ईएमएस) ।आईएएस संतोष वर्मा के सवर्ण समाज पर दिए गए विवादित बयान के बाद अब एक और आईएएस अधिकारी का वीडियो सामने आया है। इस बार यह वीडियो आईएएस अफसर मीनाक्षी सिंह का है, जिसमें वह जातिगत पहचान और जातिवाद को समय की जरूरत बता रही हैं। वीडियो में उन्होंने कहा है कि आज के दौर में जाति को पहचानना और उसी आधार पर एक-दूसरे का सहयोग करना जरूरी हो गया है। सवर्ण समाज के लोग सरनेम (उपनाम) देखकर पक्षपात करते हैं और यही मानसिकता हमें भी अपनानी होगी। अपने समाज के लोगों को पहचान कर उनकी मदद करनी चाहिए। यह वीडियो भी 23 नवंबर को भोपाल के अंबेडकर पार्क में आयोजित अजाक्स सम्मेलन का ही है जो अब वायरल हुआ है। आईएएस मीनाक्षी सिंह ने इसी सम्मेलन में कहा कि अजाक्स को केवल एक संगठन तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि पूरे समाज तक पहुंचना होगा। वायरल वीडियो में मीनाक्षी सिंह बोल रही हैं, कि समाज को जोडऩे की पहली कड़ी परिवार होता है। बच्चों को यह बताना जरूरी है कि वे आदिवासी हैं और उनकी जाति क्या है। आज के समय में जातिगत पहचान और जातिवादी सोच सबसे बड़ी जरूरत बन चुकी है। वीडियो में मीनाक्षी सिंह यह भी कह रही हैं कि सवर्ण समाज पक्षपात करता है और यही जातिवादी सोच हमें भी अपनानी होगी। अपने समाज के लोगों को तलाशिए और उनकी मदद कीजिए। कई आदिवासी भाई-बहन यह सोचकर झिझकते हैं कि बड़े पदों पर बैठे अधिकारियों से कैसे मिलें। ऐसा नहीं होना चाहिए। जब भी भोपाल आएं तो बेझिझक मिलें, अपनी बात रखें और समस्याएं साझा करें। बातचीत और संवाद से ही समाज के लिए कुछ किया जा सकता है। ब्राह्मण समाज ने जताई नाराजगी आईएएस मीनाक्षी सिंह के बयान पर सवर्ण समाज ने आपत्ति जताई है। अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के प्रदेश अध्यक्ष पुष्पेंद्र मिश्रा ने कहा कि यह सब संतोष वर्मा के खिलाफ समय पर और ठोस कार्रवाई नहीं करने का नतीजा है कि बड़े पदों पर बैठे अफसर ऐसे समाज को बांटने वाले बयान दे रहे हैं। आईएएस अधिकारी संविधान की शपथ लेते हैं जिसमें सर्वधर्म समभाव की बात होती है। यदि प्रदेश के आईएएस अफसरों में इस तरह की सोच पनप रही है, तो यह बेहद खतरनाक संकेत है। इसका मतलब वो जाति देखकर काम कर रहे हैं। सीएम मोहन यादव को चाहिए कि ऐसे जातिवादी सोच वाले अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर इन्हें लूप लाइन में भेजें, नहीं तो सवर्ण समाज चुप नहीं बैठेगा।