अंतर्राष्ट्रीय
20-Dec-2025


ढाका,(ईएमएस)। बांग्लादेश इस वक्त भीषण हिंसा और अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है, जहाँ प्रदर्शनकारियों ने अभिव्यक्ति की आजादी पर कड़ा प्रहार करते हुए देश के प्रतिष्ठित मीडिया हाउस प्रोथोम आलो को निशाना बनाया है। शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद भड़के जनाक्रोश के दौरान ढाका की सड़कों पर उतरी भीड़ ने कारवानबाजार स्थित अखबार के दफ्तर में जमकर तोड़फोड़ की और इमारत को आग के हवाले कर दिया थ। हमले के वक्त पत्रकार अगले दिन के समाचार और डिजिटल कंटेंट पर काम कर रहे थे, जिन्हें अपनी जान बचाने के लिए दफ्तर से भागने पर मजबूर होना पड़ा। इस हमले के कारण अखबार का प्रिंट पब्लिकेशन और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पूरी तरह ठप हो गया, जिसके चलते 1998 में अपनी स्थापना के बाद से पिछले 27 वर्षों में यह पहली बार हुआ कि प्रोथोम आलो का प्रिंट एडिशन प्रकाशित नहीं हो सका। अखबार के एग्जीक्यूटिव एडिटर सज्जाद शरीफ ने इस घटना को बांग्लादेशी पत्रकारिता के इतिहास की सबसे काली रात करार देते हुए इसे प्रेस की स्वतंत्रता पर सीधा हमला बताया है। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि जनता के गुस्से को जानबूझकर मीडिया संस्थानों की ओर मोड़ा गया, जिससे पत्रकारों के भीतर भारी डर का माहौल है। संस्थान ने अब सरकार से इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करने, दोषियों की पहचान कर उन्हें न्याय के कटघरे में लाने और मीडिया कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। नंदनी/ईएमएस 20दिसंबर25