राष्ट्रीय
20-Dec-2025


अगरतला, (ईएमएस)। पड़ोसी देश बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर कथित अत्याचारों के खिलाफ त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में शनिवार को जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया। सैनातनी हिंदू सेना के कार्यकर्ताओं ने अगरतला स्थित बांग्लादेश सहायक उच्चायोग कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर वहां की सरकार पर धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा में विफल रहने का आरोप लगाया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं, लेकिन वहां की प्रशासनिक और सरकारी मशीनरी ऐसे मामलों को रोकने में असफल साबित हो रही है। इसी क्रम में उन्होंने मयमनसिंह शहर में हिंदू युवक दीपु चंद्र दास की कथित हत्या की घटना को लेकर आक्रोश जताया। आरोप है कि दीपु चंद्र दास को ईशनिंदा के आरोप में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मार डाला गया और बाद में उसके शव को आग के हवाले कर दिया गया। इस घटना को लेकर प्रदर्शनकारियों ने गहरी नाराजगी जताई और इसे मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन बताया। उनका कहना था कि ऐसी घटनाएं न केवल अमानवीय हैं, बल्कि बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों की असुरक्षित स्थिति को भी उजागर करती हैं। प्रदर्शन के दौरान सैनातनी हिंदू सेना के कार्यकर्ताओं ने हाथों में तख्तियां लेकर नारेबाजी की और बांग्लादेश सरकार से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने भारत सरकार से भी अपील की कि वह इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाए और बांग्लादेश पर अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दबाव बनाए। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि भारत और बांग्लादेश के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध रहे हैं, ऐसे में पड़ोसी देश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा पर चुप नहीं रहा जा सकता। उन्होंने मांग की कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों को सुरक्षा, न्याय और सम्मान दिया जाए। प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा और सुरक्षा के मद्देनजर स्थानीय पुलिस बल मौके पर तैनात रहा। अधिकारियों ने स्थिति पर नजर बनाए रखी। प्रदर्शन के बाद कार्यकर्ताओं ने स्पष्ट किया कि यदि ऐसी घटनाएं जारी रहीं तो वे भविष्य में भी आवाज उठाते रहेंगे।