राष्ट्रीय
21-Dec-2025
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नई दिल्ली,(ईएमएस)। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला अपने बयानों से लगातार सुर्खियां बटोर रहे हैं। जहां एक ओर विपक्षी गठबंधन केंद्र सरकार पर पूर्ण रूप से हमलावर रुख अपनाना चाहता है, वहीं उमर अब्दुल्ला समय-समय पर केंद्र की सराहना करके उस दबाव को कम कर देते हैं। हाल ही में उन्होंने एक बार फिर केंद्र सरकार द्वारा राज्य को दी जा रही फंडिंग की खुलकर तारीफ की है। साथ ही, उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि उनकी यह सराहना किसी को प्रसन्न करने के लिए नहीं है और वे स्थान के अनुसार अपनी बात नहीं बदलते। एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बातचीत में उमर अब्दुल्ला ने अपनी नीति को बिल्कुल साफ शब्दों में रखा। उन्होंने कहा कि वे उन नेताओं में से नहीं हैं जो राजनीति में लोगों को गुमराह करें। जहां केंद्र सरकार अच्छा कार्य करती है, वहां वे उसकी प्रशंसा करते हैं और जहां कमी दिखती है, वहां खुली आलोचना भी करते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा, मैं किसी को खुश करने के लिए झूठ नहीं बोलता। मैं अपनी बात दिल्ली में भी वही कहता हूं जो कश्मीर में कहता हूं। मुख्यमंत्री बनने से पहले और बाद में भी उमर अब्दुल्ला लगातार जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य दर्जा बहाल करने की मांग उठाते रहे हैं। इसी मुद्दे पर उन्होंने केंद्र सरकार की उदारता पर सवाल उठाया। उनका कहना है कि राज्य दर्जे की बहाली को छोड़कर अन्य सभी मामलों में केंद्र सरकार ने उन्हें कोई शिकायत का मौका नहीं दिया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, सच कहूं तो पूर्ण राज्य के मुद्दे को छोड़ दें तो केंद्र सरकार ने हमें शिकायत करने का कोई अवसर नहीं दिया। सिर्फ इसी एक मामले में वे आगे नहीं बढ़ रहे, वहां हमें केवल शिकायतें ही मिली हैं। यह पूरा विवाद उमर अब्दुल्ला के हालिया बयानों और साक्षात्कारों से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार की उदार फंडिंग और सहयोग की प्रशंसा की थी। उनकी अपनी पार्टी के सहयोगी और कश्मीर के कुछ अन्य नेता उन पर केंद्र सरकार के प्रति नरम रुख अपनाने का आरोप लगा रहे हैं। कुछ का कहना है कि दिल्ली में वे केंद्र की तारीफ करते हैं और कश्मीर आकर आलोचना शुरू कर देते हैं। इन आरोपों का जवाब देते हुए उमर ने कहा कि वे कभी भी स्थान के आधार पर अपनी बात नहीं बदलते। वे हमेशा से केंद्र की उदार फंडिंग की सराहना करते आए हैं और जहां गलती है, वहां आलोचना भी करते हैं। उमर अब्दुल्ला ने दोहराया कि वे विधानसभा हो या सार्वजनिक मंच, हर जगह एक ही बात कहते हैं। वे किसी के दबाव में या प्रसन्नता के लिए अपनी राय नहीं बदलते। उनकी यह स्पष्टवादिता उनकी राजनीतिक शैली का हिस्सा रही है, जो उन्हें अन्य नेताओं से अलग करती है। राज्य के विकास और केंद्र से सहयोग के मामले में वे सकारात्मक रुख रखते हैं, लेकिन पूर्ण राज्य दर्जे की मांग पर कोई समझौता करने को तैयार नहीं हैं। वीरेंद्र/ईएमएस/21दिसंबर2025 ------------------------------------