ज़रा हटके
22-Dec-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। स्वस्थ रहने के लिए शरीर को असली ताकत सही विटामिन, खनिज और पोषक तत्वों से मिलती है। इन्हीं जरूरी पोषक तत्वों में एक अहम नाम है विटामिन-ई। आमतौर पर इसे “त्वचा का विटामिन” कहा जाता है, लेकिन इसका काम सिर्फ सौंदर्य तक सीमित नहीं है। विटामिन-ई शरीर की हर कोशिका को ऊर्जा देने और उन्हें स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाता है। विटामिन-ई एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है, जो शरीर की कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाता है। यह कोशिकाओं की झिल्ली को मजबूत बनाता है और उन्हें समय से पहले खराब होने से रोकता है। इसका असर त्वचा से लेकर हृदय, दिमाग और प्रतिरक्षा प्रणाली तक दिखाई देता है। विटामिन-ई त्वचा को निखारने, दिल को स्वस्थ रखने, इम्यून सिस्टम को मजबूत करने और मस्तिष्क व तंत्रिका तंत्र की सुरक्षा में मदद करता है। जब शरीर में विटामिन-ई की कमी होने लगती है, तो इसके लक्षण धीरे-धीरे सामने आते हैं। शुरुआत में त्वचा का रूखा होना, समय से पहले झुर्रियां, बालों का तेजी से झड़ना और थकान महसूस होना जैसे संकेत दिख सकते हैं। इसके अलावा मांसपेशियों में कमजोरी, आंखों की रोशनी कम होना, नसों में झनझनाहट, बार-बार एलर्जी होना और ऊर्जा की कमी भी इसकी कमी के लक्षण हो सकते हैं। यदि कमी ज्यादा बढ़ जाए, तो यह तंत्रिका तंत्र को प्रभावित कर मन और मस्तिष्क पर भी नकारात्मक असर डाल सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, वयस्क पुरुषों और महिलाओं को प्रतिदिन लगभग 10 से 15 मिलीग्राम विटामिन-ई की जरूरत होती है। अच्छी बात यह है कि विटामिन-ई प्राकृतिक रूप से भोजन के जरिए आसानी से मिल सकता है। बादाम, मूंगफली, सूरजमुखी के बीज, हरी पत्तेदार सब्जियां, पालक, अंकुरित अनाज, सरसों और तिल का तेल, मूंगफली का तेल और एवोकाडो जैसे खाद्य पदार्थ इसके अच्छे स्रोत हैं। विटामिन-ई का सेवन वसा युक्त खाद्य पदार्थों के साथ करना ज्यादा फायदेमंद माना जाता है, क्योंकि फैट की मौजूदगी में यह शरीर में बेहतर तरीके से अवशोषित होता है। सुदामा/ईएमएस 22 दिसंबर 2025