:: इंदौर के मालवा मिल चौराहे पर प्रदर्शन; नाम बदलने का विरोध, बोले- गांधी का तिरस्कार बर्दाश्त नहीं करेगी जनता :: इंदौर (ईएमएस)। केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा योजना को कथित तौर पर समाप्त करने और उसका नाम बदलने की कोशिशों के खिलाफ शहर से लेकर गांव तक विरोध की ज्वाला भड़क उठी है। सोमवार को इंदौर के मालवा मिल चौराहे पर वामपंथी पार्टियों ने शाम 5 से 6 बजे के बीच जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने साफ शब्दों में चेतावनी दी कि महात्मा गांधी आजादी के आंदोलन के सर्वमान्य नेता थे और उनके नाम से जुड़ी योजना का तिरस्कार या नाम में बदलाव देश की जनता कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने मनरेगा को मनरेगा ही रहने दो के गगनभेदी नारे लगाए। इस दौरान सीपीएम के जिला सचिव अरुण चौहान और सीपीआई के जिला सचिव रुद्रपाल यादव ने संबोधित करते हुए कहा कि यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और इसे खत्म करने की कोई भी साजिश सफल नहीं होने दी जाएगी। आंदोलन में माकपा प्रदेश सचिव मंडल सदस्य कैलाश लिंबोदिया, सीटू जिला सचिव सीएल सारावत, वरिष्ठ एटक नेता सोहनलाल शिंदे, अरविंद पोरवाल, विजय दलाल और रमेश झाला सहित बड़ी संख्या में पदाधिकारी शामिल हुए। शहर के साथ-साथ महू के ग्रामीण अंचलों में भी आंदोलन का व्यापक असर देखा गया। महू में अखिल भारतीय किसान सभा के जिला अध्यक्ष अर्जुन बारिया और आदिवासी नेता राधेश्याम डाबर के नेतृत्व में ग्रामीणों ने आवाज बुलंद की। किसान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष अरुण चौहान ने आंदोलन का नेतृत्व करते हुए घोषणा की कि यदि सरकार ने अपने फैसले वापस नहीं लिए, तो आने वाले दिनों में इस संघर्ष को और तेज किया जाएगा। प्रदर्शन में छात्र नेता ऋषभ वर्मा, भदर सिंह कटारे और मुकेश गिनावा सहित अन्य ग्रामीण नेता भी मौजूद रहे। प्रकाश/22 दिसम्बर 2025