राज्य
23-Dec-2025


अंबरनाथ, (ईएमएस)। अंबरनाथ में एक फ़ूड इंडस्ट्रीज़ कंपनी में मज़दूरों से जबरन बंधुआ मजदूरी करवाने की चौंकाने वाली घटना सामने आई है। मज़दूरों को खाली पेट काम करना पड़ता था। उन्हें एक छोटे से कमरे में रखा जाता था। उनके साथ मारपीट भी की जाती थी। इस गंभीर मामले की जानकारी मिलते ही लीगल सर्विसेज़ अथॉरिटी की एक स्पेशल टीम ने यहां पहुंचकर 10 मज़दूरों को बचाया। साथ ही उन्हें बुरी तरह प्रताड़ित करने वाले दो ठेकेदारों को भी गिरफ्तार किया है। मिली जानकारी के अनुसार उत्तरप्रदेश के 10 लोगों को अंबरनाथ पश्चिम में एक फ़ूड इंडस्ट्रीज़ कंपनी में काम करने का लालच दिया गया था, उन्हें नौकरी के साथ-साथ रहने और खाने का वादा किया गया था। लेकिन, वास्तविकता अलग ही थी। उनसे बहुत ज़्यादा मेहनत करवाई जाती थी और उन्हें भूखा रखा जाता था। उन्हें खराब खाना, मारपीट और मज़दूरी न मिलने जैसी अमानवीय स्थितियों का सामना करना पड़ता था। इन मज़दूरों को एक छोटे से कमरे में रखा जाता था। रात में कमरा बाहर से बंद कर दिया जाता था। सुबह उन्हें काम पर वापस ले जाया जाता था। हैरानी की बात यह है कि उनके मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए और उनके रिश्तेदारों से उनका संपर्क ख़त्म कर दिया गया। 17 दिसंबर को कमलेश बनवासी नाम के एक मज़दूर ने खुद को उनके चंगुल से आज़ाद कर लिया था। फिर उसके द्वारा लीगल सर्विसेज़ अथॉरिटी से संपर्क करने के बाद मामले का खुलासा हुआ। पीड़ित मज़दूर द्वारा अपनी पीड़ा बताने के बाद, मामले की गंभीरता को देखते हुए, लीगल सर्विसेज़ अथॉरिटी के सचिव न्यायाधीश रवींद्र पाजणकर ने तुरंत जिलाधिकारी श्रीकृष्ण पांचाल को कार्रवाई करने का आदेश दिया। जिसके बाद सरकारी महकमा हरकत में आया और सिंटू बनवासी (18), चंदू बनवासी (40), संजय बनवासी (22), कल्लू बनवासी, सूरज बनवासी, संजय बनवासी (19) सुरेश बनवासी, सुकुद विजय, सुखी पन्ना और विजय कुमार श्रीराम (34) जो सभी उत्तर प्रदेश के हैं, उन्हें रिहा करवाया गया। इस मामले में दो ठेकेदार निक्की उर्फ ​​कृष्ण कुमार अग्रहरि और नितिन तिवारी को गिरफ्तार किया गया है। उधर इस मामले में अंबरनाथ पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया और बाद में सभी मज़दूरों को सुरक्षित उत्तर प्रदेश में उनके गांव भेज दिया गया। इस घटना के बाद, जिल प्रशासन एक बार फिर अलर्ट हो गया है। प्रशासन का कहना है कि बाल मज़दूरी करने वालों और मज़दूरों के साथ दुर्व्यवहार करने वाली संस्थाओं के खिलाफ़ सख्त कार्रवाई की जाएगी। संतोष झा- २३ दिसंबर/२०२५/ईएमएस