5 करोड़ 74 लाख 6 हजार 143 निर्वाचकों में से 5 करोड़ 31 लाख 31 हजार 983 ने अपने गणना प्रपत्र जमा किए मप्र में 42.74 लाख नाम कटे - 19.19 लाख पुरुष और 23.64 लाख महिलाओं के नाम कटे एसआईआर से पहले कुल वोटर - 5.74 करोड़ एसआईआर शुरू होने के बाद गणना पत्र मिले - 5.56 करोड़ गणना पत्र मिलने का प्रतिशत - 96.93 मतदान केंद्रों की संख्या - 65.14 कुल बूथ लेवल एजेंट - 1.34 लाख 230 विधानसभा में एईआरओ - 532 एसआईआर के बाद मतदाताओं की स्थिति एब्सेंट, शिफ्टेड और डेड मिले वोटर - 17.58 लाख से अधिक मतदाता जिनकी मौत हो गई - 8 लाख से अधिक एब्सेंट पाए गए वोटर - 8.50 लाख एक से अधिक स्थानों पर रजिस्टर्ड मतदाता - 2 लाख से अधिक भोपाल (ईएमएस)। मध्य प्रदेश में विशेष गहन पुनरीक्षण की ड्राफ्ट लिस्ट जारी हो चुकी है। मंगलवार दोपहर 1:30 बजे पॉलिटिकल पार्टियों की बैठक के बाद इलेक्शन कमीशन ने इसे जारी किया। ड्राफ्ट लिस्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश में 42.74 लाख नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए गए हैं। इसके अलावा 8.40 लाख नाम ऐसे हैं, जिनकी मैपिंग नहीं हुई है। जिन लोगों के नाम कटे हैं, उनमें 19.19 लाख पुरुष और 23.64 लाख महिलाएं हैं। ड्राफ्ट लिस्ट को इलेक्शन कमीशन की वेबसाइट पर ऑनलाइन देखा जा सकता है। ऑफलाइन देखने के लिए अपने बूथ के बीएलओ से संपर्क कर सकते हैं। एक दिन पहले ही विधानसभाओं की लिस्ट निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी को दे दी गई थी। वहां से यह ड्राफ्ट लिस्ट बूथ स्तर पर बीएलओ को दी गई। आंकड़ों के अनुसार, राज्य में कुल 5 करोड़ 74 लाख 6 हजार 143 निर्वाचकों में से 5 करोड़ 31 लाख 31 हजार 983 निर्वाचकों ने अपने गणना प्रपत्र जमा किए हैं। 7 नवंबर से शुरू हुई यह प्रक्रिया लगभग 45 दिन तक चली, जिसमें हजारों बूथ लेवल अधिकारियों ने घर-घर जाकर मतदाताओं का भौतिक सत्यापन किया है। जिन लोगों के नाम ड्राफ्ट लिस्ट में नहीं हैं, उन्हें इलेक्शन कमीशन की तरफ से नोटिस देकर अपने नाम दोबारा जुड़वाने का अवसर दिया जाएगा। आयोग ने यह भी सुनिश्चित किया है कि कोई भी पात्र मतदाता वंचित न रहे। इसके लिए घर-घर संपर्क, विशेष शिविर, सोशल मीडिया, रेडियो प्रसारण और शहरी-ग्रामीण स्तर पर जन-जागरूकता अभियान चलाए गए। शहरी क्षेत्रों में विशेष शिविरों के माध्यम से प्रपत्र भरने और डिजिटलीकरण में सहायता दी गई। कमजोर नेटवर्क वाले इलाकों के लिए अलग से व्यवस्थाएं की गईं। युवा मतदाताओं के समावेशन पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। वे नागरिक, जो 1 जनवरी 2026 तक 18 वर्ष की आयु पूर्ण करेंगे, उन्हें प्रपत्र-6 के माध्यम से आवेदन के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। अब कुल मतदान केंद्रों की संख्या 71930 इसके साथ ही मध्य प्रदेश में अब मतदान केंद्रों की संख्या में करीब 7000 की बढ़ोतरी हुई है। अब प्रदेश में कुल मतदान केंद्रों की संख्या 71930 हो गई है। चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, एक शहरी पोलिंग बूथ पर अधिकतम 1200 और ग्रामीण बूथ पर 1000 मतदाता होने चाहिए। यदि दावे-आपत्तियों के निपटारे के बाद नए नाम जुडऩे से किसी बूथ पर मतदाताओं की संख्या इस सीमा को पार कर जाती है तो वहां एक सहायक मतदान केंद्र बनाया जाता है। 22 जनवरी 2026 तक दावा-आपत्ति की अवधि निर्धारित निर्वाचन आयोग ने बताया कि 23 दिसंबर 2025 को प्रारूप मतदाता सूची प्रकाशित कर दी गई है, जो मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की वेबसाइट पर उपलब्ध है। प्रारूप सूची में शामिल न किए गए नामों की बूथ-वार सूचियां पंचायत भवनों और नगरीय निकाय कार्यालयों में प्रदर्शित की जा रही हैं। 23 दिसंबर 2025 से 22 जनवरी 2026 तक दावा-आपत्ति की अवधि निर्धारित की गई है। इस दौरान कोई भी मतदाता या राजनीतिक दल पात्र नाम जोडऩे अथवा अपात्र नाम हटाने के लिए आवेदन कर सकता है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि बिना विधिक प्रक्रिया और कारणयुक्त आदेश के किसी भी नाम का विलोपन नहीं किया जाएगा। पश्चिम बंगाल में 58.20 लाख वोटर हटे यहां 58 लाख 20 हजार 898 वोटरों के नाम हटाए गए। इनमें 24 लाख 16 हजार 852 नाम मृत वोटरों के हैं। 19 लाख 88 हजार 76 वोटर ऐसे हैं, जो दूसरे जगह शिफ्ट हो गए हैं। 12 लाख 20 हजार 38 वोटर लापता, 1 लाख 38 हजार 328 डुप्लीकेट या फर्जी और 57 हजार 604 नाम अन्य कारणों से हटाए गए। राजस्थान 41.85 लाख एसआईआर की ड्राफ्ट लिस्ट में 41.85 लाख वोटर्स के नाम काटे गए हैं। ड्राफ्ट लिस्ट के साथ एब्सेंट, शिफ्टेड, डेड और ऑलरेडी एनरोल्ड लिस्ट दी गई है। गोवा में 1 लाख से ज्यादा नाम हटे गोवा में 11.85 लाख मतदाताओं में से 10.84 लाख ने फॉर्म जमा किए। यहां 1 लाख से ज्यादा नाम हटे, जिनमें मृत, अनुपस्थित, स्थायी रूप से स्थानांतरित और डुप्लीकेट मतदाता शामिल हैं। उत्तर गोवा में 44,639 और दक्षिण गोवा में 55,403 नाम हटाए गए। पुडुचेरी में 1.03 लाख ड्राफ्ट सूची से 1.03 लाख से ज्यादा नाम हटे हैं। अब कुल मतदाता 9.18 लाख रह गए हैं। यहां सबसे ज्यादा नाम पुडुचेरी जिले में हटे, जबकि कराईकल, माहे और यानम में भी बड़ी संख्या में मतदाता सूची से बाहर हुए। लक्षद्वीप में 1,616 नाम हटाए गए 27 अक्टूबर तक कुल 58 हजार मतदाता दर्ज थे। ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी होने के बाद इनमें से 56,384 मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में शामिल पाए गए हैं। यानी 1,616 मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं। पूरी खबर पढ़ें... तमिलनाडु से 97 लाख यहां पब्लिश हुए ड्राफ्ट रोल में से 97 लाख से ज्यादा नाम काटे गए हैं। स्ढ्ढक्र से पहले राज्य में वोटर्स की संख्या 6.41 करोड़ थी। अब घटकर 5.43 करोड़ हो गई है। राज्य में अब 2.66 करोड़ पुरुष, 2.77 करोड़ महिलाएं और 7,191 ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल हैं। गुजरात में 73 लाख वोटर गुजरात- राज्य में नई एसआईआर लिस्ट में 73.73 लाख से ज्यादा वोटर्स के नाम कम हुए हैं। राज्य में पहले 5.08 करोड़ से ज्यादा वोटर्स रजिस्टर्ड थे। अब घटकर 4.34 करोड़ रह गए हैं।