मुंबई,(ईएमएस)। महाराष्ट्र की राजनीति में एक दिलचस्प मोड़ पर आ गई है। वहीं कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार का यह बयान स्पष्ट करता है कि कांग्रेस गठबंधन धर्म और जमीनी संगठन की मजबूती के बीच एक महीन संतुलन बनाने की कोशिश कर रही है। दरअसल कांग्रेस ने उद्धव और राज ठाकरे के बीच संभावित राजनीतिक समझौते का स्वागत किया है। वडेट्टीवार ने इसे पारिवारिक एकता बताकर बधाई दी है, लेकिन साथ ही एक लक्ष्मण रेखा भी खींच दी है। कांग्रेस महाराष्ट्र नवनिमार्ण सेना (मनसे) के साथ किसी भी औपचारिक गठबंधन के पक्ष में नहीं है। उनकी प्राथमिकता हमेशा की तरह शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार की एनसीपी के साथ ही रहेगी। कांग्रेस नेता वडेट्टीवार ने साफ कर दिया है कि स्थानीय स्तर पर कांग्रेस एकला चलो रे की रणनीति अपनाएगी है। इसके पीछे के तर्क ये हैं हालिया नगर परिषद चुनावों में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। स्थानीय कार्यकर्ताओं का मानना है कि अपने दम पर लड़ने से पार्टी का आधार बढ़ता है। कांग्रेस का दावा है कि पार्षद सीटों और महापौर पदों के मामले में उनका प्रदर्शन सहयोगियों से बेहतर रहा है। वहीं कांग्रेस अब आक्रामक रूप से मराठी कार्ड खेलती नजर आ रही है। वडेट्टीवार ने उद्धव ठाकरे के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि मुंबई में मराठी भाषा और लोगों के अधिकारों पर अतिक्रमण हो रहा है। मुंबई को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है, जिसका कांग्रेस विरोध करेगी। वडेट्टीवार का यह बयान एमवीए (एमवीए) के भीतर किसी दरार का संकेत नहीं, बल्कि एक रणनीतिक स्वायत्तता है। कांग्रेस यह संदेश देना चाहती है कि वह राज्य स्तर पर गठबंधन के प्रति वफादार है, लेकिन स्थानीय निकायों में अपनी ताकत को किसी के साथ साझा करके कम नहीं करना चाहती। आशीष दुबे / 24 दिसंबर 2025