उन्नाव रेप मामले की पीडि़ता राहुल गांधी से मिलीं नई दिल्ली (ईएमएस)। उन्नाव बलात्कार मामले की पीडि़ता बुधवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से मिलीं। पीडि़ता ने कहा कि देश में यह ऐसा पहला आदेश है कि बलात्कार के मामले में सजा पर रोक लगाई गई और जमानत दी गई। देश की सभी बेटियां डरी हुई हैं कि कहीं उनके साथ बलात्कार न हो जाए और अपराधी बच न निकलेंज् उन्हें हमसे 5 किलोमीटर दूर रहने का आदेश देकर उन्होंने हमें घरों में कैद कर दिया है। मुझे सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है कि वह हमें न्याय दिलाएगा। पत्रकारों के सवाल के जवाब में पीडि़ता ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मिलना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि वह सभी से मिलकर अपना दुख-दर्द बताना चाहती हैं और इंसाफ चाहती हैं। इससे पहले राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि कुलदीप सेंगर को जमानत मिलना बेहद निराशाजनक और शर्मनाक है। राहुल गांधी ने कहा कि हम सिर्फ एक मृत अर्थव्यवस्था नहीं ऐसी अमानवीय घटनाओं के साथ हम एक मृत समाज भी बनते जा रहे हैं। लोकतंत्र में असहमति की आवाज उठाना अधिकार है और उसे दबाना अपराध। पीडि़ता को सम्मान, सुरक्षा और न्याय मिलना चाहिए न कि बेबसी, भय और अन्याय। दिसंबर 2019 में एक अदालत ने 2017 में एक नाबालिग लडक़ी के अपहरण और दुष्कर्म मामले में सेंगर को दोषी ठहराते हुए उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी। कुलदीप सिंह सेंगर से जुड़े दुष्कर्म के मामले और उससे संबंधित अन्य मामलों को अगस्त 2019 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर उत्तर प्रदेश से दिल्ली ट्रांसफर किया गया था। हाई कोर्ट ने दी थी जमानत दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्नाव बलात्कार मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे बीजेपी से निष्कासित पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा को मंगलवार को निलंबित कर दिया था और जमानत दे दी थी। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि सेंगर पीडि़ता के घर के पांच किलोमीटर के दायरे में नहीं जाएगा और न ही पीडि़ता या उसकी मां को किसी तरह की धमकी देगा। अदालत ने कहा कि इन शर्तों के उल्लंघन की स्थिति में सेंगर को दी गई जमानत स्वत: रद्द हो जाएगी। हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ मंगलवार शाम को पीडि़ता, उसकी मां और एक्टिविस्ट योगिता भयाना दिल्ली में इंडिया गेट के सामने धरने पर बैठ गए थे। आधी रात को पुलिस वहां पहुंची और उन्हें वहां से हटा दिया गया। विनोद कुमार उपाध्याय, 24 दिसम्बर, 2025