अरावली क्षेत्र में खनन के लिए नए पट्टे पर पूर्ण प्रतिबंध नई दिल्ली (ईएमएस)।पर्यावरण से जुड़े ज्वलंत मुद्दे पर केंद्र सरकार ने राज्यों को नए सिरे से निर्देश दिए हैं। अरावली पर्वत श्रृंखला में खनन का पट्टा दिए जाने के मामले में दिए गए इस निर्देश के मुताबिक राज्य गुजरात से दिल्ली तक फैली अरावली पर्वतमाला में खनन के लिए नई लीज नहीं दी जा सकेगी। यानी अब पर्यावरण के लिहाज से इस अत्यंत संवेदनशील इलाके में खनन के नए पट्टे जारी करने पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। बता दें कि बीते नवंबर में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पर्यावरण मंत्रालय ने इस संबंध में राज्यों को पहले भी आगाह किया था। 21 दिसंबर के परामर्श में कहा गया था कि एमपीएसएम यानी सतत खनन प्रबंधन योजना को अंतिम रूप दिए जाने तक माइनिंग के लिए कोई नई लीज नहीं दी जानी चाहिए। यह परामर्श सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जारी हुआ था। आदेश में कहा गया था कि भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद जब तक प्रबंधन योजना नहीं बना लेती, तब तक खनन के लिए नई लीज नहीं दी जा सकती। पर्यावरण मंत्रालय के अनुसार, भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद से कहा गया है कि पूरे अरावली क्षेत्र में ऐसे अतिरिक्त क्षेत्रों की पहचान की जाए, जहां पर खनन पर रोक लगनी चाहिए। यह उन क्षेत्रों के अतिरिक्त रहे, जहां पर केंद्र ने पहले से खनन पर प्रतिबंध लगा रखा है। भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद से एक समग्र और विज्ञान आधारित प्रबंधन योजना बनाने को कहा गया है। इस योजना को फिर सार्वजनिक किया जाएगा ताकि सभी साझेदारों से इस पर सलाह-मशविरा किया जा सके। इसके पर्यावरण आकलन और पारिस्थितिक क्षमता को भी देखा जाएगा ताकि संवेदनशील क्षेत्रों की संरक्षण के लिहाज से पहचान की जा सके। साथ ही ऐसे क्षेत्रों की बहाली या पुनर्वास के उपाय किए जा सकें। विनोद कुमार उपाध्याय, 24 दिसम्बर, २०२५