अंतर्राष्ट्रीय
25-Dec-2025


वॉशिंगटन (ईएमएस)। चीन एक तरफ भारत के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव कम करने की कोशिश कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान के साथ सैन्य सहयोग बढ़ा रहा है। यह दावा किया है पेंटागन की 2025 की रिपोर्ट में। रिपोर्ट में अमेरिका ने भारत को चीन की दोहरी रणनीति को लेकर आगाह किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अक्टूबर 2024 में भारत और चीन ने एलएसी पर बचे हुए टकराव वाले इलाकों से पीछे हटने पर सहमति जताई थी। हालांकि, पेंटागन का आकलन है कि चीन का मकसद भारत के साथ रिश्तों को सामान्य करके उसे अमेरिका के और करीब जाने से रोकना है। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत-चीन के बीच भरोसे की कमी अब भी बनी हुई है। दोनों के बीच अरुणाचल प्रदेश को लेकर विवाद बड़ा मुद्दा है। चीन अरुणाचल को अपना हिस्सा बताता रहा है, जो भारत की संप्रभुता को सीधी चुनौती है। बीजिंग अरुणाचल के मुद्दे को ताइवान और साउथ चाइना सी के बराबर तवज्जो देता है। पेंटागन ने पाकिस्तान में चीन की बढ़ती सैन्य भूमिका पर चिंता जताई है। रिपोर्ट के अनुसार, चीन 2020 से अब तक पाकिस्तान को 36 जे-10सी लड़ाकू विमान दे चुका है। इसके अलावा दोनों देश मिलकर जेएफ-17 फाइटर जेट बना रहे हैं। पाकिस्तान को चीनी ड्रोन और नौसैनिक उपकरण भी मिल रहे हैं। दिसंबर 2024 में चीन और पाकिस्तान ने संयुक्त आतंकवाद-रोधी सैन्य अभ्यास भी किया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भविष्य में पाकिस्तान में चीनी सैन्य ठिकाने बन सकते हैं, जिससे भारत की सीमाओं के पास चीन की मौजूदगी बढ़ेगी। रिपोर्ट के मुताबिक भारत से जुड़े मोर्चे को देखने वाली चीन की वेस्टर्न थिएटर कमांड ने 2024 में ऊंचाई वाले इलाकों में विशेष सैन्य अभ्यास किए। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) बांग्लादेश और पाकिस्तान समेत दुनिया के 21 देशों में नए मिलिट्री बेस बनाने की योजना पर काम कर रही है। इनका मकसद चीन की नेवी और एयरफोर्स को दूर देशों तक ऑपरेशन करने में मदद देना और वहां आर्मी तैनात करना है। यह जानकारी अमेरिकी डिफेंस डिपार्टमेंट पेंटागन की रिपोर्ट में सामने आई है। पीएलए की सबसे ज्यादा दिलचस्पी उन इलाकों में है, जहां से दुनिया का अहम समुद्री व्यापार गुजरता है, जैसे मलक्का स्ट्रेट, होरमुज स्ट्रेट और अफ्रीका व मिडिल ईस्ट के कुछ स्ट्रैटेजिक पाइंट्स। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, चीन के ये विदेशी सैन्य ठिकाने सिर्फ सैन्य मदद के लिए नहीं, बल्कि खुफिया जानकारी जुटाने के लिए भी इस्तेमाल हो सकते हैं। सुदामा नरवरे/25 दिसंबर 2025