राज्य
26-Dec-2025


7 स्क्रैप फर्मों पर कार्रवाई, 2 करोड़ की टैक्स चोरी का खुलासा जबलपुर, (ईएमएस)। स्क्रैप कारोबारियों के ठिकानों पर छापेमारी, करोड़ों की टैक्स चोरी का खुलासा,हड़कंप जबलपुर, (एक्सप्रेस)। केंद्रीय जीएसटी आयुक्तालय जबलपुर ने टैक्स चोरी और फर्जी बिलिंग के खिलाफ अपनी मुहिम तेज कर दी है। आयुक्त लोकेश कुमार लिल्हारे के कुशल नेतृत्व में एंटी-इवेजन टीम ने शहर के सात प्रमुख स्क्रैप व्यापारियों के ठिकानों पर एक साथ दबिश दी। इस कार्रवाई से पूरे व्यापारिक जगत में हड़कंप मच गया है। विभाग को लंबे समय से इन फर्मों द्वारा फर्जी बिलों के माध्यम से इनपुट टैक्स क्रेडिट का गलत लाभ उठाने की सूचना मिल रही थी। जिन फर्मों पर कार्रवाई की गई है, उनमें शमा स्टील, केएनआर मेटल, मनन ट्रेडर्स, मानस एंटरप्राइजेज, वर्धमान एंटरप्राइजेज, सिल्वर स्टील इंडस्ट्रीज और महावीर इंडस्ट्रीज शामिल हैं। फर्जी बिलिंग के जरिए 2 करोड़ की राजस्व चोरी विभागीय जांच में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि स्क्रैप और धातु कारोबार से जुड़ी इन फर्मों ने बड़े पैमाने पर कागजी लेनदेन के जरिए सरकार को राजस्व का चूना लगाया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, रू/ह्य केएनआर मेटल्स में अकेले लगभग 10 करोड़ के फर्जी बिलों का पता चला है। इन बिलों के माध्यम से करीब 2 करोड़ से अधिक के इनपुट टैक्स क्रेडिट की चोरी का अनुमान लगाया गया है। जांच के दौरान विभाग ने पाया कि कई लेनदेन केवल कागजों पर दिखाए गए थे, ताकि टैक्स लायबिलिटी को कम किया जा सके। विभाग अब इन फर्जी बिलों के स्रोत और इनके पीछे सक्रिय पूरे नेटवर्क को खंगालने में जुटा है। -मौके पर ही 20 लाख से अधिक की वसूली........... जीएसटी विभाग के सख्त रुख को देखते हुए दो प्रमुख फर्मों ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए तत्काल टैक्स जमा किया है। कार्रवाई के दौरान केएनआर मेटल्स ने 11.84 लाख और शमा स्टील ने 9 लाख की जीएसटी राशि मौके पर ही सरकारी खजाने में जमा कर दी है। इस प्रकार विभाग ने अब तक कुल 20 लाख से अधिक की राशि तुरंत वसूल कर ली है।सातों फर्मों के प्रोपराइटरों ने विभाग को आश्वासन दिया है कि वे जल्द ही सभी संबंधित दस्तावेज और खरीद-बिक्री का विवरण प्रस्तुत करेंगे। व्यापारियों ने यह भी स्वीकार किया है कि यदि जांच के बाद किसी भी प्रकार की अनियमितता या टैक्स की कमी पाई जाती है, तो वे पूरी देय राशि ब्याज और जुर्माने सहित जमा करेंगे। कम्प्यूटर डेटा की छानबीन........... फिलहाल, एंटी-इवेजन टीम द्वारा जब्त किए गए दस्तावेजों और कंप्यूटर डेटा की गहन समीक्षा की जा रही है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि यह जांच का शुरुआती चरण है और आने वाले दिनों में कुछ अन्य फर्मों के नाम भी इस सिंडिकेट में सामने आ सकते हैं। टैक्स चोरी की पुष्टि होने पर संबंधित व्यापारियों के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई और जेल तक की नौबत आ सकती है। अजय पाठक / मोनिका / 26 दिसंबर 2025/ 03.05