रायपुर(ईएमएस)। छत्तीसगढ़ में बिगड़ती कानून व्यवस्था और सर्व समाज द्वारा किए गए बंद को लेकर कांग्रेस ने जिला कांग्रेस भवन में जोरदार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला। प्रेस वार्ता में रायपुर जिला कांग्रेस अध्यक्ष श्री कुमार मेनन, ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष राजेंद्र पप्पू बंजारे, पूर्व विधायक विकास उपाध्याय, पूर्व महापौर प्रमोद दुबे सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। नेताओं ने भाजपा और आरएसएस पर अराजक तत्वों को संरक्षण देने और प्रदेश में जानबूझकर तनाव का माहौल बनाने के गंभीर आरोप लगाए। पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब भाजपा बहुमत में नहीं थी, तब धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनाने की बड़ी-बड़ी बातें करती थी, लेकिन अब सत्ता में होते हुए भी कानून क्यों नहीं बना रही? उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा जानबूझकर धर्मांतरण का मुद्दा जिंदा रखना चाहती है, ताकि समाज में विभाजन और अशांति बनी रहे। उन्होंने कहा कि थानों में लोगों के साथ मारपीट की घटनाएं सामने आ रही हैं और बंद के नाम पर तोड़फोड़ करने वालों को सरकार का संरक्षण मिल रहा है। पूर्व महापौर प्रमोद दुबे ने भी कानून व्यवस्था पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि “सर्व समाज” के नाम पर बंद का आह्वान किया गया, लेकिन किसी भी समाज का कोई मुखिया सामने नहीं आया। चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा बंद को समर्थन देने पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि वह भाजपा का पिट्ठू बनकर काम कर रहा है। मॉल में हुई घटना का जिक्र करते हुए प्रमोद दुबे ने पूछा बंद कराने वाले कौन थे? भाजपा नेता और उनके साथ विश्व हिंदू परिषद के लोग! उन्होंने कहा कि जब केंद्र और राज्य दोनों जगह भाजपा की सरकार है, तो धर्मांतरण को लेकर स्पष्ट और ठोस कानून बनाने में असमर्थ क्यों है? प्रमोद दुबे ने कहा कि कभी शांति का टापू कहे जाने वाला छत्तीसगढ़ आज अराजकता और भय के माहौल में बदल गया है। उन्होंने इसे प्रदेश का पहला ऐसा बंद बताया, जिसमें कहीं भी कोई ज्ञापन तक नहीं सौंपा गया। कांग्रेस ने सरकार से धर्मांतरण से जुड़े मामलों के वास्तविक आंकड़े सार्वजनिक करने और इस विषय पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग दोहराई। साथ ही सवाल उठाया कि क्या अब समाज के लोग अपने त्योहार भी स्वतंत्र रूप से नहीं मना सकते? वहीं जिला कांग्रेस अध्यक्ष श्री कुमार मेनन ने कहा कि छत्तीसगढ़ सहित देश में जिस तरह की स्थिति बन रही है, वह तालिबान शासन जैसी प्रतीत होती है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री का अपने अनुषांगिक संगठनों पर कोई नियंत्रण नहीं है। कांकेर की घटना और उसके बाद क्रिसमस मनाने वालों के साथ किए गए व्यवहार को उन्होंने शर्मनाक बताया। मेनन ने कहा कि छत्तीसगढ़ का मजदूर जब बाहर मजदूरी करने जाता है, तो उसे मॉब लिंचिंग का शिकार बनाया जाता है और इस पर भाजपा व आरएसएस मौन साधे रहते हैं। उन्होंने भाजपा पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि दुर्ग में धर्मांतरण के आरोप में नन की गिरफ्तारी के बाद उन्हें छुड़ाने भाजपा के लोग ही पहुंचे थे, और अब फिर वही स्थिति दोहराई जा रही है। कांग्रेस नेताओं ने स्पष्ट कहा कि यदि सरकार ने कानून व्यवस्था सुधारने और समाज में फैल रही नफरत पर अंकुश नहीं लगाया, तो कांग्रेस सड़क से सदन तक आंदोलन तेज करेगी। सत्यप्रकाश(ईएमएस)26 दिसम्बर 2025