० रैम्प योजना के तहत व्यवसायियों और स्व-सहायता समूहों के लिए आयोजित की गई कार्यशाला जगदलपुर (ईएमएस)। बस्तर जिले में औद्योगिक विकास को पर्यावरण अनुकूल दिशा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। शुक्रवार को जगदलपुर स्थित कलेक्टोरेट के प्रेरणा कक्ष में राइजिंग एंड एक्सीलरेटिंग एमएसएमई परफॉर्मेंस योजना के तहत विशेष जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य जिले के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों तथा स्व-सहायता समूहों को ग्रीन पैकेजिंग के महत्व से परिचित कराना और उन्हें इस नवाचार को अपनाने के लिए प्रेरित करना था। इस कार्यशाला में बड़ी संख्या में ऐसे स्थानीय उद्यमी और समूह शामिल हुए, जो पैकेजिंग सामग्री निर्माण के क्षेत्र में अपना सुनहरा भविष्य देख रहे हैं। कार्यशाला के दौरान भारतीय गुणवत्ता परिषद और सिपेट रायपुर के विषय विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को ग्रीन पैकेजिंग की तकनीकी बारीकियों से अवगत कराया। उन्होंने स्थानीय स्तर पर उपलब्ध सामग्रियों का उपयोग करके पर्यावरण के अनुकूल पैकेजिंग तैयार करने के लाभ और इसे अपनाने के तरीकों पर विस्तार से चर्चा की, जिससे न केवल पर्यावरण को बचाया जा सके, बल्कि उत्पादों की गुणवत्ता और स्वीकार्यता भी बढ़ाई जा सके। कार्यशाला में उपस्थित जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रतीक जैन ने इस पहल को आर्थिक विकास और रोजगार सृजन का एक सशक्त माध्यम बताया। उन्होंने अपने संबोधन में जोर देकर कहा कि ग्रीन पैकेजिंग केवल पर्यावरण संरक्षण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बस्तर के व्यवसायों को वैश्विक बाजार में एक नई पहचान और दिशा प्रदान करने की क्षमता रखती है। इस अवसर पर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय के राइजिंग एंड एक्सीलरेटिंग एमएसएमई परफॉर्मेंस कार्यक्रम की संचालक सुश्री अंकिता पांडे ने बताया कि यह योजना क्षेत्र के उद्योगों को सशक्त बनाने के लिए कितनी महत्वपूर्ण है। उन्होंने विशेष रूप से यह जानकारी दी कि इस योजना के माध्यम से उद्यमियों को विलंबित भुगतान जैसी समस्याओं के समाधान में भी सहायता प्रदान की जाएगी। साथ ही सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग विभाग से अरविंद तिवारी ने मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी साझा की, ताकि उद्यमी इनका अधिकतम लाभ उठा सकें। कार्यक्रम के अंत में जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र की महाप्रबंधक श्रीमती लक्ष्मी वैद्य ने राज्य भर में राइजिंग एंड एक्सीलरेटिंग एमएसएमई परफॉर्मेंस योजना के तहत चल रही गतिविधियों का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा उद्यमिता जागरूकता, निर्यात प्रशिक्षण, डिजिटल मार्केटिंग और वित्तीय पहुँच जैसे कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जो सूक्ष्म उद्यमों के लिए सफलता के नए द्वार खोल रहे हैं। यह कार्यशाला बस्तर के उद्यमियों को आधुनिक और इको-फ्रेंडली तकनीकों से जोड़ने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी। सुधीर जैन/चंद्राकर/26 दिसंबर 2025