राष्ट्रीय
27-Dec-2025
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नई दिल्ली(ईएमएस)। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि भारत की विदेश नीति किसी राजनीतिक दल विशेष, चाहे वह भाजपा हो या कांग्रेस, की नहीं बल्कि पूरे राष्ट्र की होती है। उन्होंने देश की एकता पर जोर देते हुए कहा कि यदि राजनीति में कोई व्यक्ति प्रधानमंत्री की हार पर खुशी मनाता है, तो वास्तव में वह भारत की हार का जश्न मना रहा होता है। पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के शब्दों को दोहराते हुए उन्होंने कहा, अगर भारत मर गया, तो कौन जिएगा? थरूर ने वैश्विक पटल पर भारत की भूमिका और पड़ोसी देशों से मिल रही चुनौतियों पर विस्तार से अपनी राय रखी। पड़ोसी देश पाकिस्तान के संदर्भ में थरूर ने चेतावनी दी कि भारत को वहां से आने वाले सुरक्षा खतरों को हल्के में नहीं लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपनी सैन्य रणनीति में बड़ा बदलाव कर रहा है। अब वह पारंपरिक युद्ध के बजाय हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक और छिपकर हमला करने की नीति पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। पाकिस्तान पहले ही ड्रोन, रॉकेट और मिसाइल हमलों का सहारा ले चुका है, लेकिन अब वह अधिक घातक और आधुनिक तकनीकों की ओर बढ़ रहा है। थरूर के अनुसार, पाकिस्तान की यह नई सैन्य नीति भारत की सुरक्षा के लिए एक ऐसी चुनौती है जिसे नजरअंदाज करना घातक हो सकता है। पाकिस्तान की आंतरिक स्थिति पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि वहां नागरिक सरकार केवल नाम मात्र की है और वास्तविक सत्ता अभी भी सेना के पास है। सेना ही नीति निर्धारण में निर्णायक भूमिका निभाती है। आर्थिक मोर्चे पर भी पाकिस्तान की स्थिति नाजुक है; जहां भारत की वृद्धि दर 7 प्रतिशत से ऊपर है, वहीं पाकिस्तान महज 2.7 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। थरूर ने आगाह किया कि पाकिस्तान की आर्थिक कमजोरी उसे भविष्य में जोखिम भरे कदम उठाने के लिए उकसा सकती है। इसके अलावा, पाकिस्तान अब टेक्सटाइल और कृषि जैसे उन क्षेत्रों में भारत को चुनौती देने की कोशिश कर रहा है जहां भारत की पकड़ मजबूत रही है। बांग्लादेश के मौजूदा हालात पर चिंता जताते हुए थरूर ने कहा कि वहां ऊर्जा संकट और बढ़ती महंगाई ने निवेशकों का भरोसा तोड़ा है। उन्होंने बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच बढ़ती रक्षा चर्चाओं को भारत के लिए चिंता का विषय बताया और कहा कि यह संकेत देता है कि वहां भारत को एक दुश्मन के रूप में पेश करने की कोशिश हो रही है। उन्होंने उत्तर-पूर्व राज्यों को लेकर मिल रही अलगाववादी धमकियों और जमात-ए-इस्लामी जैसी ताकतों के बढ़ते प्रभाव को बेहद संवेदनशील बताया। थरूर ने अंत में कहा कि भारत ने बांग्लादेश के लिए बंदरगाह, रेल और ऊर्जा ग्रिड जैसी महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी योजनाएं प्रस्तावित की हैं, जो उसके हित में हैं। हालांकि, इन योजनाओं की सफलता बांग्लादेश की स्थिरता पर निर्भर करती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि एक शांत और स्थिर बांग्लादेश भारत के लिए अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि वहां की अस्थिरता भारत की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकती है। वैश्विक स्तर पर हो रही उथल-पुथल के बीच भारत को उन देशों से निपटने के लिए तैयार रहना होगा जिन्हें नियंत्रित करना आसान नहीं है। वीरेंद्र/ईएमएस/27दिसंबर2025