राष्ट्रीय
27-Dec-2025


* गोकशी में संलिप्त पाए जाने पर ना सिर्फ सामाजिक बहिष्कार होगा, बल्कि गांव से निकाला जाएगा वलसाड (ईएमएस)| जिले के सरीगाम गांव में गोकशी को लेकर एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है। इस मुद्दे पर हिन्दू और मुस्लिम समुदाय की संयुक्त बैठक आयोजित की गई, जिसमें गोकशी में संलिप्त व्यक्तियों को कड़ी सजा देने का सर्वसम्मत फैसला किया गया। ऐसे व्यक्तियों का सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा और उन्हें सरीगाम में रहने का अधिकार भी नहीं दिया जाएगा। यह कदम समाज की एकता और छवि की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि गोकशी जैसी गतिविधियों से पूरे समुदाय की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचती है। सरीगाम, जो वर्षों से हिन्दू–मुस्लिम एकता के लिए जाना जाता है, वहां हाल ही में हुई गोकशी की घटना से हिन्दू समाज की भावनाएं आहत हुई थीं। जांच में इस घटना में सरीगाम के कुछ मुस्लिम युवकों की संलिप्तता सामने आने के बाद पूरे मुस्लिम समाज ने एकजुट होकर यह कड़ा निर्णय लिया। गोकशी की घटना के बाद सरीगाम के मुस्लिम नेता स्वयं सक्रिय होकर जांच कर रहे हैं कि इस कृत्य को किसने अंजाम दिया। सरीगाम के मुस्लिम सुन्नी समाज ने स्पष्ट घोषणा की है कि यदि भविष्य में गांव का कोई भी व्यक्ति गोकशी जैसे कृत्य में शामिल पाया गया, तो उसे गांव में रहने नहीं दिया जाएगा। उसका पूर्ण सामाजिक बहिष्कार कर उसे गांव से बाहर कर दिया जाएगा। साथ ही यह भी चेतावनी दी गई है कि यदि कोई बाहरी व्यक्ति गांव में आकर गोकशी करता है, तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। गांव की मस्जिदों में भी ऐलान कर दिया गया है कि यदि कोई मुस्लिम व्यक्ति या युवक गोकशी करते हुए पकड़ा गया, तो उसका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा। मुस्लिम समाज के नेताओं ने कहा कि वे वर्षों से चली आ रही हिन्दू–मुस्लिम एकता को किसी भी कीमत पर टूटने नहीं देंगे। एकता बनाए रखने के लिए कठोर से कठोर कदम उठाने से भी वे पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने बताया कि सरीगाम में वर्षों से सभी समुदाय आपसी भाईचारे के साथ रहते आए हैं। त्योहारों के अवसर पर हिन्दू और मुस्लिम एक-दूसरे को बधाइयां देने आते-जाते हैं। ईद और मोहर्रम जैसे पर्वों पर हिन्दू समाज के लोग मस्जिद पहुंचकर शुभेच्छाएं देते हैं, वहीं हिन्दू त्योहारों पर मुस्लिम समाज मंदिरों और घरों में जाकर बधाई देता है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी सरीगाम के मुस्लिम समाज ने गोकशी रोकने के लिए पुलिस थाने में आवेदन दिया था। मुस्लिम समाज के इस ऐतिहासिक निर्णय से क्षेत्र में शांति, सद्भाव और आपसी विश्वास को और मजबूती मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। सतीश/27 दिसंबर