इन्दौर (ईएमएस) साइबर ठगी के लिए नित नये पैंतरे अपनाते इन साइबर ठगोरो ने अब सरकार की लोकलुभावन योजनाओं को अपनी ठगी की कमाई करतूतों का जरिया बना लिया है। ये साइबर ठगोरे पहले बैंक क्रेडिट डेबिट कार्ड अपग्रेड करने, बिजली के बिल भरने अथवा मोबाइल नंबर ब्लाक करने या आधार कार्ड अपग्रेड करने जैसी सरकारी सुविधाओं की लिंक भेज ठगी कर रहे थे वहीं अब इनकी इन कारस्तानियों के लगातार उजागर होने और शासन प्रशासन की एजेंसियों के जागरूकता कार्यक्रम के चलते जनता को इस तरह की ठगी का पता चल गया। जिसके बाद इन साइबर ठगोरो ने ठगी का अपना जरिया बदल लिया है और ये अब सरकार की लोकलुभावन योजनाओं से अपने आपराधिक कारनामों को अंजाम दे रहे हैं। ऐसा ही एक मामला प्रधानमंत्री किसान योजना के नाम पर एपीके फाइल भेज व्यापारी से लाखों की धोखाधड़ी का क्राइम ब्रांच ने दर्ज किया है। इसके पहले प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना, किसान समृध्दि योजना सहित कई योजनाओं के जरिए साइबर ठगी के विभिन्न मामले उजागर हुएं हैं। अब यह प्रधानमंत्री किसान योजना के जरिए ठगी की वारदात सामने आई है। एडीसीपी राजेश दंडोतिया के अनुसार अनिल कुमार मिश्रा उम्र चौंतीस साल निवासी गुलाब बाग कालोनी देवासनाका जिनका ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय है ने केस दर्ज कराते बताया कि वाट्सऐप पर पीएम किसान योजना के नाम से उन्हें एक एपीके फाइल आई थी। उक्त फाइल को उन्होंने क्लिक किया था। इसके बाद फिर उन्हें एक और एपीके फाइल मिली। शाम के समय मोबाइल पर एक मैसेज आया जिसमें लिखा था अब्दुल समद बेनिफिसीयरी एड। उन्होंने यह मैसेज देखा तो उन्हें संदेह हुआ कि कोई बैंक खाते से पैसा निकला रहा है उन्होंने मैसेज चेक किए तो 5 लाख, 2.85 लाख रुपए कटने के मैसेज आये हुए थे उन्होंने तुरंत बैंककर्मी से इस संबंध में संपर्क किया। मामले में फिलहाल पुलिस केस दर्ज लिंक भेजने वाले नंबर और रूपए ट्रांसफर हुए खातों की जानकारी निकाल रही है। साथ ही आम जनता से पुलिस ने अंजान नंबरों से आई एपीके फाइल नहीं क्लिक करने की अपील की है।