-कांग्रेस के स्थापना दिवस पर खड़गे ने बीजेपी और आरएसएस पर साधा निशाना नई दिल्ली:,(ईएमएस)। कांग्रेस के स्थापना दिवस पर रविवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में झंडा फहराया। इस मौके पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधते हुए गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कांग्रेस को खत्म करने की बात करने वालों को चुनौती दी। उन्होंने कहा कि हमें साथ मिलकर कांग्रेस की सोच और विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाना है। सभी को सामाजिक न्याय दिलाकर, खुशहाल हिंदुस्तान बनाना है। खड़गे ने कहा कि 28 दिसंबर 1885 को मुंबई में कांग्रेस की स्थापना हुई थी। तब से 62 साल तक करोड़ों कांग्रेसजनों ने अंग्रेजों से संघर्ष किया, त्याग और बलिदान दिया, जेल में यातनाएं झेली, तब जाकर देश आजाद हुआ। उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस के सभी निर्माताओं और स्वाधीनता सेनानियों को श्रद्धांजलि देता हूं। संविधान और मजबूत लोकतंत्र की स्थापना करने वाले नायकों को नमन करते हुए कहना चाहता हूं कि उनके सपनों के भारत के लिए कांग्रेस हर संभव प्रयास करती रहेगी। आजादी के पहले कांग्रेस ने मौलिक अधिकारों का जो स्वरूप बनाया था, वह हमारे संविधान का हिस्सा बना, लेकिन आज संविधान और लोकतंत्र दोनों खतरे में हैं। खड़गे ने कहा कि जो कहते हैं- कांग्रेस खत्म हो गई है उन्हें मैं बताना चाहता हूं- हमारे पास सत्ता कम हो सकती है, लेकिन हमारी रीढ़ अभी भी सीधी है। हमने समझौता नहीं किया, न संविधान से, न धर्मनिरपेक्षता से, न गरीबों के हकों से। हम सत्ता में ना हों, लेकिन सौदेबाजी नहीं करेंगे। कांग्रेस ने कभी धर्म के नाम पर वोट नहीं मांगा, कांग्रेस ने कभी मंदिर-मस्जिद पर नफरत नहीं फैलाई। कांग्रेस जोड़ती है और बीजेपी तोड़ती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने धर्म को आस्था ही रखा, लेकिन कुछ लोगों ने धर्म को राजनीति बना दिया। आज बीजेपी के पास सत्ता है, लेकिन उनके पास सच्चाई नहीं है। इसीलिए कभी आंकड़े छिपाए जाते हैं, कभी जनगणना रोकी जाती है, कभी संविधान बदलने की बातें होती हैं। जो आज इतिहास पर भाषण दे रहे हैं, उनके पूर्वज इतिहास से भाग रहे थे। कांग्रेस विचारधारा है और विचारधारा कभी मरती नहीं है। खड़गे ने कहा कि आजादी के आंदोलन में महात्मा गांधी ने कांग्रेस को सामाजिक सुधार, छुआ-छूत के विरोध, आर्थिक स्वावलंबन, बराबरी के अधिकार, साम्प्रदायिकता के विरोध जैसे मसलों के लिए तैयार किया, लेकिन पिछले सालों में मोदी सरकार में कांग्रेस द्वारा बनाए गए संस्थानों को कमजोर किया जा रहा है। राष्ट्रीय संपदा के साथ जल-जंगल-जमीन खतरे में आई है। आरएसएस-बीजेपी के नेताओं ने देश के संविधान, तिरंगा, अशोक चक्र और वंदे मातरम को भी स्वीकार नहीं किया। उन्होंने समाज की प्रगति के लिए बनने वाले कानून का विरोध किया। बीजेपी के लोग जनता के अधिकारों को कुचलने का काम कर रहे हैं। हमें उनकी ऐसी कोशिशों का डटकर मुकाबला करना है। सिराज/ईएमएस 28दिसंबर25