नई दिल्ली,(ईएमएस)। देश की राजधानी दिल्ली में बिना डिग्री और मेडिकल पढ़ाई के लोगों का इलाज कर रहे नकली डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई के मामले में दिल्ली मेडिकल काउंसिल (डीएमसी) के उदासीन रवैये का खुलासा हुआ है।बीते दो सालों में दिल्ली में केवल एक नकली डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जबकि राजधानी में हजारों की संख्या में इसतरह के लोग गलत इलाज कर लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, साल 2024 में 9 मामलों की जांच की गई, लेकिन एक भी मामले में एफआईआर दर्ज नहीं हुई। इसकी वजह यह रही कि डीएमसी की ओर से एक भी केस पुलिस को एफआईआर दर्ज कराने के लिए नहीं भेजा गया। वहीं, 2025 में अब तक 22 मामलों की जांच हुई, लेकिन केवल एक केस पुलिस को भेजा गया, जिस पर एफआईआर दर्ज की गई। पिछले पांच सालों में दिल्ली में नकली डॉक्टरों के खिलाफ कुल 22 एफआईआर दर्ज हो सकी है। इस बारे में दिल्ली मेडिकल काउंसिल के एंटी क्वैकरी सेल के अधिकारी ने कहा कि साल 2015 में दिल्ली हाई कोर्ट ने आदेश जारी कर एक कमिटी बनाई थी, जिसे हर महीने दिल्ली में छापेमारी करनी थी। हालांकि, यह रिपोर्ट साफ दिखा रही है कि आदेशों का सही तरीके से पालन नहीं हो रहा है। अनुमान के मुताबिक, दिल्ली में 35 से 40 हजार नकली डॉक्टर सक्रिय हैं, जो इलाज के नाम पर आम जनता को ठग रहे हैं। कई बार गरीब मरीजों को इसकी कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ती है। आशीष दुबे / 28 दिसंबर 2025