अंतर्राष्ट्रीय
28-Dec-2025


भारत की कार्रवाई से डर में थे नेता और आतंकी इस्लामाबाद (ईएमएस)। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर कर पाकिस्तान की नींद उड़ा दी थी। आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की मौत हुई थी। इसके जवाब में भारत ने मई की शुरुआत में ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) में मौजूद पहले आतंकी ढांचों और फिर सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। अब ऑपरेशन सिंदूर को लेकर पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी का बड़ा कुबुलनामा सामने आया है। राष्ट्रपति जरदारी ने कबूल किया कि भारत की कार्रवाई के दौरान पाकिस्तान के शीर्ष नेतृत्व में डर का माहौल था। उन्होंने बताया कि भारतीय हमलों के समय उनके मिलिट्री सेक्रेटरी ने उन्हें सुरक्षा के लिए बंकर में जाने की सलाह दी थी। जरदारी के मुताबिक, मेरे मिलिट्री सेक्रेटरी मेरे पास आए और कहा कि भारत से जंग शुरू हो गई है। उन्होंने मुझसे कहा कि हमें बंकर में चलना चाहिए। लेकिन मैंने मना किया। हालांकि, जरदारी के कबूलनामे से यह साफ हो गया कि भारत की जवाबी कार्रवाई इतनी गंभीर थी कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति तक को सुरक्षित ठिकाने में जाने की सलाह दी गई। भारत ने आंतकी हमलों के खिलाफ 7 मई की तड़के ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की थी। अभियान के तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान में स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। इसके बाद जब पाकिस्तान ने जवाब देने की कोशिश की, तब भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों को भी निशाना बनाया। इन हमलों ने पाकिस्तान की सैन्य तैयारी और रक्षा क्षमता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया। हालात इतने बिगड़ गए कि पाकिस्तान को खुद संघर्षविराम की पहल करनी पड़ी। पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत के डीजीएमओ से संपर्क कर सीजफायर का प्रस्ताव रखा, इस प्रस्ताव को भारत ने स्वीकार किया। इस बात की पुष्टि विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने की। उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच जमीन, हवा और समुद्र में सभी तरह की सैन्य कार्रवाइयों को रोकने पर सहमति बनी। पाकिस्तान के राष्ट्रपति का यह बयान साफ दिखाता है कि ऑपरेशन सिंदूर ने न सिर्फ आतंकी नेटवर्क को झटका दिया, बल्कि पाकिस्तान के शीर्ष नेतृत्व में भी भय पैदा कर दिया। आशीष दुबे / 28 दिसंबर 2025