ज़रा हटके
30-Sep-2024
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-अध्ययन से हुआ खुलासा, दशकों की समस्या अब हो रही गंभीर वाशिंगटन ईएमएस)। हाल ही में गवर्नमेंट अकाउंटेबिलिटी ऑफिस (जीएओ) द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह बात निकलकर सामने आई कि अमेरिका में कॉलेज के कई छात्रों को भरपेट भोजन ही नसीब नहीं हो रहा है। साल 2020 में, लगभग 38 लाख छात्रों ने भोजन कमी की जानकारी दी थी, जिनमें से आधे से अधिक का कहना था कि पैसे की कमी के चलते उन्हें भोजन की समस्या से दो-चार होना पड़ता है। छात्रों को अपर्याप्त भोजन की समस्या ने पिछले कुछ दशकों में गंभीर रूप ले लिया है। अध्ययन से हुए खुलासे के अनुसार कॉलेजों में कम आमदनी वाले परिवारों के छात्रों की संख्या बढ़ रही है। कॉलेज में एडमिशन, फीस, आवास और अन्य जीवन-यापन के खर्चों में बढ़ोतरी ने स्थिति को और अधिक चुनौतीपूर्ण बना दिया है। शोध से यह भी पता चला है कि भोजन की कमी के कारण छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है और उनके कॉलेज पास करने की दर भी घट रही है। हालांकि, सरकारी सप्लीमेंट्री न्यूट्रिशन एसिस्टेंस प्रोग्राम (स्नैप) के तहत कम आय वाले परिवारों को भोजन के लिए सहायता प्रदान की जाती है। यहां गंभीर मामला यह है कि स्नैप सहायता के लिए 45 लाख छात्रों ने पात्रता मापदंड पूरा किया, लेकिन केवल 33 लाख छात्रों ने ही आवश्यक शर्तों को पूरा किया। इसके बावजूद, दो-तिहाई छात्रों ने बताया कि वे पात्र होने के बावजूद स्नैप की मदद से वंचित रह गए हैं। स्नैप के तहत औसतन 80 फीसदी पात्र परिवारों को मदद मिलनी चाहिए थी, लेकिन केवल 30 फीसदी छात्रों को यह सहायता प्राप्त हो सकी। इस प्रकार, कॉलेज के छात्रों को भोजन की कमी का सामना करना पड़ रहा है, और यह स्थिति शिक्षा और जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर रही है। यह समस्या एक गंभीर सामाजिक मुद्दा है, और इसे समाधान की आवश्यकता है, ताकि सभी छात्रों को उचित पोषण और संसाधनों का लाभ मिल सके। हिदायत/ईएमएस 30 सितंबर 2024