रोम (ईएमएस) । इटली के मोनोपोली में एक आर्कियोलॉजी साइट पर खुदाई में 17 हजार साल पुराने बच्चे के अवशेष मिले। पुरातत्वविदों ने 1998 में ग्रोट्टा डेल्ले मुरा गुफा में खुदाई करते समय गलती से एक बच्चे की कब्र का पता लगाया था। यह खोज न केवल वैज्ञानिकों के लिए महत्वपूर्ण थी, बल्कि इसने मानव जीवन की प्राचीन प्रथाओं के बारे में भी नई जानकारियाँ प्रदान कीं। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह बच्चा हिमयुग के दौरान 16 महीने की उम्र में हृदय रोग के कारण मृत पाया गया था। इस अवशेष की विशेषता यह है कि यह “बहुत अच्छी तरह से संरक्षित” था, और इसे दो विशाल चट्टानों से ढका गया था। ताजा अध्ययन के अनुसार, अवशेषों के डीएनए विश्लेषण से पता चला कि लड़के की नीली आंखें, काली त्वचा, और घुंघराले गहरे भूरे बाल थे। दिलचस्प बात यह है कि लड़के की मां गर्भावस्था के दौरान गंभीर कुपोषण का शिकार थी। यह जानकारी वैज्ञानिकों को यह समझने में मदद करती है कि बच्चे का यह अवशेष कैसे जीवित रह सका, और उसकी मां के पोषण स्तर का क्या प्रभाव पड़ा। विशेषज्ञों ने अवशेषों के अध्ययन से यह भी पाया कि बच्चे का जन्म परिवार के किसी करीबी सदस्य के साथ अंतःप्रजनन के परिणामस्वरूप हुआ था। फ्लोरेंस विश्वविद्यालय की मानवविज्ञानी एलेसेंड्रा मोदी ने इसे एक “उल्लेखनीय उपलब्धि” करार दिया। उन्होंने कहा, “इस अवशेष से हमें शिशु के वंश, शारीरिक विशेषताओं और स्वास्थ्य पहलुओं के बारे में ठोस निष्कर्ष निकालने में मदद मिली।” इस अध्ययन से यह भी पता चला कि लड़के की त्वचा रंग अधिकांश आधुनिक यूरोपीय लोगों की तुलना में अधिक काली थी, हालांकि यह भारत या सिंगापुर के उष्णकटिबंधीय जलवायु वाले व्यक्तियों के समान नहीं थी। इससे शोधकर्ताओं को यह विश्वास हुआ कि यह शिशु विलाब्रुना नामक एक प्राचीन समूह का हिस्सा था, जो हिमयुग के बाद 14,000 वर्ष पहले मौजूद था। वैज्ञानिकों ने बच्चे के दांतों का विस्तृत विश्लेषण भी किया, जो उनकी उत्कृष्ट स्थिति के कारण संभव हुआ। इससे पहले, वाइकिंग युग के मनुष्यों के दांतों में भी ऐसी विशेषताएँ पाई गई थीं, जो उनकी सामाजिक पहचान और व्यापारिक गतिविधियों को दर्शाती थीं। इस प्रकार, इटली में मिले इस 17,000 साल पुराने बच्चे के अवशेष ने न केवल हिमयुग की मानव जीवन की स्थिति को उजागर किया, बल्कि हमें यह भी समझने में मदद की कि मानव समाज कैसे विकसित हुआ और उन प्राचीन प्रथाओं का क्या महत्व था। सुदामा/ईएमएस 29 अक्टूबर 2024