राज्य
01-May-2025


* विदेशों से एमबीबीएस करने वाले चिकित्सक देंगे ग्राम के चिकित्सालयो कोरबा (ईएमएस) ऊर्जाधानी में मेडिकल कॉलेज खुलने के बाद राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने अब यहां इंटर्नशिप को भी हरी झंडी दे दी है। एमबीबीएस का कठिन कोर्स पूरा कर इसे पास करने वाले नई नवेले चिकित्सक अब महाविद्यालय के अधीनस्थ रहकर इंटर्नशिप एक वर्ष का अतिरिक्त प्रशिक्षण कोर्स पूरा कर सकेंगे. पहले वर्ष मेडिकल कॉलेज अस्पताल कोरबा में इस सुविधा का लाभ विदेशों में एमबीबीएस कोर्स पूरा कर स्वदेश लौटने वाले फ्रेश डॉक्टर्स को मिलेगा। इसके लिए डायरेक्टर ऑफ मेडिकल एजुकेशन चिकित्सा शिक्षा निदेशालय से अनुमति लेनी होगी। मेडिकल कॉलेज अस्पताल का पहला बैच 2026 में पास आउट होगा। इसके पहले इस साल अन्य छात्रों के पास मौका है कि वह कोरबा सेंटर से प्रोग्राम पूरा कर सके। इंटर्नशिप प्रोग्राम शुरू होने से न सिर्फ मेडिकल कॉलेज अस्पताल बल्कि दूर-दराज के शासकीय चिकित्सालय में भी एमबीबीएस चिकित्सक तैनात होंगे। कम से कम 1 वर्ष के लिए वह दूरस्थ चिकित्सालय में अपनी सेवाएं देंगे। इंटर्नशिप प्रोग्राम शुरू होने के बाद अब सभी स्थानों पर नए एमबीबीएस चिकित्सक उपलब्ध रहेंगे। पिछले वाले का एक साल पूरा होगा, तो अगले वर्ष के नए प्रशिक्षण लेने आए चिकित्सक उनका स्थान ले सकेंगे। कोरबा मेडिकल कॉलेज शुरू हुए चार साल हो चुके हैं। अगले साल यानि 2026 में एमबीबीएस करने वालों का पहला बैच निकलेगा। कोर्स पूरा करने वाले विद्यार्थियों के लिए एक साल का इंटर्नशीप अनिवार्य होता है। जिसकी तैयारी मेडिकल कालेज प्रबंधन ने कर ली है। महाविद्यालय में इंटर्नशीप के लिए आवेदन लिया जा रहा है। अब तक 66 विद्यार्थियों ने आवेदन किया है। वर्तमान में आवेदन करने वालों में वे विद्यार्थी शामिल हैं, जिन्होने विदेशों से अपना कोर्स पूरा करने के बाद चिकित्सा शिक्षा निदेशालय की तरफ से आयोजित परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है। इंटर्नशीप के लिए जिले में 125 सीट निर्धारित की गयी हैं। आगामी वर्ष मेडिकल कॉलेज से उत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थियों को निर्धारित सीट के आधार पर प्रशिक्षण की सुविधा दी जाएगी। अगले वर्ष यानी 2026 में पांच प्रतिशत सीट विदेश से एमबीबीएस उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों के लिए आरक्षित रहेंगी। इंटर्नशीप करने के बाद विद्यार्थी सरकारी अस्पताल में सेवा देने के अलावा स्वतंत्र प्रेक्टिस भी कर सकते हैं। इंटर्नशिप के दौरान इस एक वर्ष के अंतराल में प्रशिक्षु डॉक्टर मेडिसिन, सर्जरी, गायनोकोलॉजी, एनेस्थिसिया, शिशु रोग विज्ञान, इएनटी नाक कान गला संबंधी रोगों के इलाज के लिए तैयार किया जाता है। प्रदेश भर में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी बनी हुई है। कोरबा जिले में मेडिकल कॉलेज अस्पताल की स्थापना तो हुई है लेकिन अभी यहां चिकित्सक की कमी बनी हुई है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ही प्राध्यापक, सह प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक, सीनियर रेजिडेंट और जूनियर रेजिडेंट को मिलाकर चिकित्सक के कुल 217 पद स्वीकृत हैं। जबकि अब तक सिर्फ 70 चिकित्सक की ही स्थायी तौर पर नियुक्ति हो सकी है। कुछ चिकित्सक को संविदा और बॉन्ड भरवा कर काम लिया जा रहा है। चिकित्सको की भारी कमी है। इंटर्नशिप के माध्यम से जब फ्रेश चिकित्सक अपनी सेवाएं देंगे। तब इनकी कमी को काफी हद तक पूरा किया जा सकेगा. मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. गोपाल कंवर ने बताया कि एमबीबीएस कोर्स पूरा करने वाले फ्रेश चिकित्सक अब मेडिकल कॉलेज से इंटर्नशीप कर सकते हैं। इसके लिए प्रवेश की प्रकिया शुरू हो गई है। प्रवेश के लिए डीएमई से अनुमति लेनी होगी। फिलहाल 66 आवेदन मिले हैं, विदेशों से कोर्स पूरा करने वाले विद्यार्थी भी आवेदन कर रहे हैं। हमारा पहला बैच 2026 में निकलेगा। इंटर्नशिप के लिए चिकित्सक जब चिकित्सालय में अपनी सेवा देंगे, तो चिकित्सको की कमी भी दूर होगी।मरीजों को भी इसका लाभ मिलेगा। 01 मई / मित्तल