ग्वालियर ( ईएमएस ) / ग्वालियर जिले में जैविक खेती (प्राकृतिक खेती) को बढ़ावा देने के लिये विशेष कार्ययोजना बनाई गई है। जिले में परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत चार क्लस्टर बनाकर 2 हजार हैक्टेयर रकबे में जैविक खेती की शुरूआत की जा रही है। जैविक खेती करने जा रहे 2 हजार किसानों का चयन भी कर लिया गया है। साथ ही किसानों को जैविक खेती की तकनीकी जानकारी देने एवं मार्गदर्शन के लिये हर क्लस्टर में एक-एक कॉर्डिनेटर एवं 5 – 5 एलआरपी (लीड रिसोर्स पर्सन) का चयन भी कर लिया गया है। इस सिलसिले में कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान की मौजूदगी में मंगलवार को कृषि महाविद्यालय में क्लस्टर कॉर्डिनेटर एवं एलआरपी के लिये क्षमता संवर्धन कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मौजूद एलआरपी एवं क्लस्टर कॉर्डिनेटर से संवाद के दौरान कलेक्टर श्रीमती चौहान ने कहा कि प्रयास ऐसे हों जिससे ग्वालियर जिले के किसान भी जैविक खेती अपनाकर करोड़पति बनें। उन्होंने कहा जैविक खेती अपनाने वाले किसानों को न केवल ऑर्गेनिक खेती की बारीकियाँ बताएं, साथ ही उनकी समस्याओं का भी समाधान करें। श्रीमती चौहान ने कहा कि जैविक खेती के मॉडल प्रदर्शित कर किसानों को बताएं कि किस प्रकार से जैविक खेती अपनाकर किसान किस प्रकार अपनी आय में बड़ा इजाफा कर सकते हैं। इस अवसर पर जानकारी दी गई कि जो किसान लगातार तीन साल तक जैविक खेती करेंगे, उनका टाईअप बड़ी-बड़ी कंपनियों से कराया जायेगा। जाहिर है किसानों को इससे बड़ा फायदा होगा। ग्वालियर जिले में परंपरागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत सर्विस प्रोवाइडर के रूप में आईसीसीओए (इंटरनेशनल कोमपेटेन्स सेंटर फॉर ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर) का चयन राज्य शासन द्वारा किया गया है। जैविक खेती के लिये जिले के विकासखंड डबरा व भितरवार में 500 – 500 हैक्टेयर का एक – एक क्लस्टर व घाटीगाँव विकासखंड में एक हजार हैक्टेयर में 2 क्लस्टर बनाए गए हैं। एक – एक क्लस्टर कॉर्डिनेट और हर क्लस्टर में 5 – 5 एलआरपी का चयन किया गया है। कार्यशाला में प्रशिक्षित किए गए एलआरपी 100 – 100 किसानों को जैविक खेती की बारीकियां सिखाकर उनसे जैविक खेती करायेंगे। कार्यशाला में आईसीसीओए (इंटरनेशनल कोमपेटेन्स सेंटर फॉर ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर) के निदेशक श्री रोहिताश गककर द्वारा परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत जिले में प्रस्तावित जैविक खेती के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उप संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास श्री आर एस शाक्यवार ने बताया कि जिले में जैविक खेती के लिये 2 हजार किसानों का चयन किया गया है। इनमें से 15 किसानों का पंजीयन भारत सरकार के पीजीएस पोर्टल पर एवं 300 किसानों का पंजीयन एमपी किसान पोर्टल पर कर लिया गया है।