क्षेत्रीय
08-May-2025


संयुक्त संचालक डॉ. एच एस पक्षवार के खिलाफ जांच के आदेश छिंदवाड़ा (ईएमएस)। कोई सरकारी कार्यालय हो या फिर किसी के घर में बिजली संबंधी कार्य में यदि एक साधारण सीलिंग फैन और दो ट्यूब लाइट लगाई जाए तो कितना खर्च आएगा। आप कह सकते हैं कि ज्यादा से ज्यादा दो तीन हजार रुपए का भुगतान करना होगा। यदि छिंदवाड़ा के पशु चिकित्सा विभाग के शीर्ष अधिकारियों के दृष्टिकोण से देखें तो आपका यह अनुमान गलत साबित होगा क्योंकि इसी कार्य का बजट उन्होंने न सिर्फ 50 हजार रुपए से 1 लाख 34 हजार रुपए बनाया है बल्कि विभागीय परिसंपत्तियों के संधारण मरम्मत कार्य के नाम पर शासन को लाखों रुपए का चूना लगा दिया। आपको जानकर हैरानी होगी कि होनहार अधिकारियों ने उन शासकीय भवनों में भी पंखे और लाइट के नाम पर हजारों रुपयों का बिल बनाया जहां बिजली ही नहीं हैं। मामला संज्ञान में आने के बाद पशु चिकित्सा विभाग के जबलपुर संभाग के संयुक्त संचालक डॉ. जे पी शिव ने इस मामले में छिंदवाड़ा के पशु चिकित्सा विभाग के उपसंचालक डॉ. एच.जी. एस पक्षवार सहित अन्य अधिकारियों की जांच के निर्देश दिए हैं। स्मॉल होल्डर पोल्ट्री स्कीम के बाद दूसरा बड़ा घोटाला कंडम और बगैर बिजली वाले भवनों में भी बिजली फिटिंग के नाम पर शासन को लाखों का चूना लगाने वाला यह मामला छिंदवाड़ा में सुर्खियों में आए स्मॉल होल्डर पोल्ट्री स्कीम के वर्तमान में पशु चिकित्सा विभाग का यह दूसरा ऐसा बड़ा मामला हैं जो यहां करीब 30 वर्षों से अंगद की तरह पैर जमाए उपसंचालक डॉ. एच. जी. एस पक्षवार के कार्यकाल में सुर्खियों में आया है। स्वयं के कार्यालय में दिखाया 1 लाख 34 हजार का खर्च स्मॉल होल्डर पोल्ट्री स्कीम घोटाले में सुर्खियों में आए पशु चिकित्सा विभाग के अत्यधिक विवादित उपसंचालक डॉ. एच. जी. एस पक्षवार ने  कथित तौर पर इस बार विभागीय परिसंपत्तियों में संधारण मरम्मत के नाम पर सागर जिले के साथ मिलकर शासन को करीब 1 करोड़ 29 लाख 31 हजार रुपए का चूना लगाया हैं। इसके स्वीकृति आदेश के अनुसार डॉ. पक्षवार ने स्वयं के कार्यालय में 1 लाख 34 हजार का जबकि पशु रोग अन्वेषण प्रयोगशाला छिंदवाड़ा एवं पशु चिकित्सालय सौंसर, रामाकोना, लोधीखेड़ा, पीपलनारायणवार, पांढुर्ना, सिराठा, मारुड़ में करीब 1-1 लाख रुपए का तथा देवी, बैरागढ़, सावंगा, साईंखेड़ा, रामपेठ, मोहगांव में करीब 83 लाख रुपए का, कृत्रिम गर्भाधान उपकेंद्र पांढ़ुर्ना, सौंसर में करीब 1 लाख एवं खुटामा, पीपलकन्हान, बेरड़ी, सतनूर, पारडसिंगा, बोरगांव, रिधोरा, बनाबकोड़ा, छत्रापुर, जाम के गर्भाधान केंद्रों में करीब 50 हजार की राशि शासन से आहरित की गई हैं। यही नहीं उन केंद्रों में 50 हजार से 83 हजार की राशि का खर्च दिखाया गया हैं जो जर्जर हैं, निजी भवन में हैं या फिर जिनमें बिजली ही नहीं हैं। समाजसेवियों ने किया खुलासा इस मामले में क्षेत्र में राजनीति से जुड़े एवं समाजसेवी श्रीचंद चौरिया ने पशु चिकित्सा विभाग के संभागीय संयुक्त संचालक डॉ. शिव को हस्ताक्षरित शिकायत में आरोप लगाया हैं कि जिले में स्मॉल होल्डर पोल्ट्री योजना में उजागर हुए घोटाले के बाद अब पशु चिकित्सा विभाग में भी बड़े पैमाने पर बिजली फिटिंग घोटाले का मामला सामने आया है। विभागीय भवनों में नाम मात्र की बिजली फिटिंग कर लाखों रुपये के बिल निकाल लिए गए। उन्होंने अपने स्तर पर जांच में पाया है कि कई स्थानों पर केवल एक पंखा और दो बल्ब लगाए गए हैं लेकिन बिल में बड़ी रकम दर्शाई गई है, जबकि ये भवन वर्षो से कंडम घोषित किए जा चुके हैं, या तो उपयोग में नहीं है। शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया है कि बिना निवास वाले भवनों में फर्जी बिजली सामग्री की आपूर्ति को दर्शाकर गड़बड़ी को अंजाम दिया है। इससे सरकार को आर्थिक रूप से क्षति पहुंचाई है। श्री चौरिया ने मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है जल्द कराई जाएगी जांच मामला मेरे संज्ञान में आया हैं जिसमें आरोप लगाया गया हैं कि बिना बिजली वाले शासकीय भवनों में भी पंखों और लाइट के नाम पर हजारों रुपए का बिल बना कर पास कराया गया है। मामले में उपसंचालक पशु चिकित्सा डॉ. एच. जी. एस पक्षवार को शो-कॉज नोटिस जारी किया गया हैं जल्द ही मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी। डॉ. जे पी शिव संयुक्त संचालक पशु चिकित्सा विभाग ईएमएस/मोहने/ 08 मई 2025