क्षेत्रीय
09-May-2025


रायपुर(ईएमएस)। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने राज्य सरकार के नए शैक्षणिक सेटअप और युक्तियुक्तकरण नीति को लेकर साय सरकार पर सीधा हमला बोला है। वर्मा ने कहा कि यह फैसला जनविरोधी, शिक्षाविरोधी और आदिवासी विरोधी है, जिससे प्रदेश के 5000 स्कूल बंद होने की नौबत आ जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि बस्तर और सरगुजा जैसे पिछड़े आदिवासी इलाकों में पढ़ने वाले हजारों बच्चों की शिक्षा से सीधे खिलवाड़ किया जा रहा है। स्कूलों के जबरिया बंद होने से न सिर्फ शिक्षक बेरोजगार होंगे, बल्कि मध्यान्ह भोजन योजना से जुड़ी हजारों महिलाओं का रोजगार भी खतरे में पड़ जाएगा। वर्मा ने खुलासा किया कि नई व्यवस्था के तहत शिक्षक पदों में भारी कटौती की गई है। प्राइमरी में 30 और मिडिल स्कूल में 35 बच्चों पर सिर्फ एक शिक्षक का नियम बेहद अव्यवहारिक है। 18 विषयों को दो शिक्षकों के भरोसे पढ़ाना सरासर मज़ाक है, वर्मा ने कहा। उन्होंने पूछा, एचएम और एक शिक्षक मिलकर क्लास पढ़ाएं या मध्याह्न भोजन और प्रशासनिक काम संभालें? उन्होंने ये भी कहा कि प्रदेश में 58000 से अधिक शिक्षकों के पद रिक्त हैं, हर महीने सैकड़ों शिक्षक रिटायर हो रहे हैं, लेकिन सरकार न तो प्रमोशन दे रही है, न नई भर्ती कर रही है विधानसभा में घोषित 33000 शिक्षकों की भर्ती को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। वर्मा का आरोप है कि सरकार निजी स्कूलों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकारी शिक्षा व्यवस्था को सुनियोजित तरीके से कमजोर कर रही है। कांग्रेस की मांग: युक्तियुक्तकरण और न्यूनतम पद कटौती का आदेश तत्काल वापस लिया जाए। पहले शिक्षकों को प्रमोशन और स्थानांतरण नीति दी जाए। शिक्षा व्यवस्था से खिलवाड़ बंद किया जाए। साय सरकार शिक्षा नहीं, व्यवसाय चला रही है। ये नीति गरीब, आदिवासी और गांव के बच्चों को शिक्षा से वंचित करने की गहरी साजिश है, वर्मा ने तीखा आरोप लगाते हुए कहा। सत्यप्रकाश(ईएमएस)09 मई 2025