09-May-2025


पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत से बढ़ते तनाव के बीच युद्ध के मुहाने पर पहुंच चुके पाकिस्तान को सभी ओर से झटके लगते दिख रहे हैं। अब पाकिस्तान को सिंधु जल समझौता पर बहुत बड़ा झटका लगा है। दरअसल वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा ने साफ कर दिया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में हुई सिंधु जल संधि में विश्व बैंक की भूमिका केवल ‘फेसिलिटेटर’ यानी मध्यस्थ की रही। वे इस संधि में उत्पन्न हुए हालिया गतिरोध को सुलझाने के लिए हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं। उन्होंने दो टूक कह दिया कि दोनों देश मिलकर समस्या का समाधान निकालें वर्ल्ड बैंक भारत को रोकने के लिए हस्तक्षेप नहीं करेगा। गौरतलब है कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था। इससे पाकिस्तान को पानी के संकट से भी जूझना पड़ रहा है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे थे कि वर्ल्ड बैंक शायद इस विवाद में हस्तक्षेप करेगा और पाकिस्तान को कुछ राहत मिल जाएगी, लेकिन विश्व बैंक प्रमुख बंगा ने पाक को बीच में पड़ने से इंकार कर बड़ा झटका दे दिया है। संघ ने भी सरकार और सेना का किया समर्थन पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत और संघ सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने संतुष्ट करने जैसे बयान दिए हैं। दरअसल उन्होंने आतंकियों के खिलाफ जारी ऑपरेशन सिंदूर का समर्थन कर भारत सरकार और सैन्य बलों का हार्दिक अभिनंदन किया है। संघ ने कहा कि संकट की इस घड़ी में संपूर्ण देश तन-मन-धन से सरकार एवं सैन्य बलों के साथ खड़ा है। संघ ने एक्स पर ऑपरेशन सिंदूर की फोटो शेयर कर लिखा, पहलगाम की कायरतापूर्ण आतंकवादी घटना के बाद पाक प्रायोजित आतंकवादियों एवं उनके समर्थक पारितंत्र पर की जा रही निर्णायक कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर के लिए भारत सरकार के नेतृत्व और सैन्य बलों का हार्दिक अभिनंदन। हिंदू यात्रियों के नृशंस हत्याकांड में आहत परिवारों को एवं समस्त देश को न्याय दिलाने हेतु हो रही इस कार्रवाई ने समूचे देश के स्वाभिमान एवं हिम्मत को बढ़ाया है। इस प्रकार संघ भी अब सरकार और सेना के समर्थन में सामने आ गया है। असीम मुनीर फेल फिर क्यों बढ़ाई ताकत? भले ही पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर ने पाकिस्तानी जनता को युद्ध के भयावह मैदान में लाकर खड़ा कर देने जैसा काम कर दिखाया हो, लेकिन अभी उनकी हैसीयत पाक में कम नहीं हुई है। उल्टा अब उनका कद और ज्यादा बड़ा हो गया है। दरअसल पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने जनरल मुनीर की हैसियत बढ़ाते हुए एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। इस फैसले के मुताबिक पाकिस्तान की सैन्य अदालतों में नागरिकों के खिलाफ मुकदमा चलाने को मंजूरी दे दी गई है। इसके बाद पाकिस्तानी सेना को आम नागरिकों को सैन्य अदालतों में मुकदमा चलाने का खुला अधिकार मिल गया है। यानि पाकिस्तान की आर्मी, जिसने पहले से ही देश के लोकतंत्र को कुचल रखा है, उसे और ताकत दे दी गई है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मुनीर और भी ज्यादा शक्तिशाली हो गए हैं, जिससे आशंका जाहिर की जा रही है कि पूर्व पीएम इमरान खान के लिए यह खबर एक बड़े संकट की तरह हो सकती है। इसी के साथ अदालत ने उस याचिका को भी खारिज कर दिया जिसमें सैन्य अदालतों में नागरिकों के खिलाफ चलने वाले कैसों को चुनौती देने की बात कही गई थी। महबूबा को याद आया प्रतिशोध का कोई अंत नहीं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख और जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जब प्रतिशोध का कोई अंत नहीं होता है, तब बेजुबान और असहाय लोगों को असहनीय कीमत चुकानी पड़ती है। महबूबा मुफ्ती की यह टिप्पणी पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान में बढ़ते तनाव और हमलों के बीच आई है। महबूबा ने एक पोस्ट में कहा, कि पहलगाम में हुए भयावह हमले के बाद, मुझे लगा कि मैंने त्रासदी की गहराई देख ली है। लेकिन आज जब मैंने भारत-पाकिस्तान तनाव की गोलीबारी में मारे गए मासूम बच्चों की भयावह तस्वीरें देखीं, तब मुझे एहसास हुआ कि अभी और भी बुरा समय आने वाला है।’ उन्होंने आगे लिखा, ‘जब प्रतिशोध का कोई अंत नहीं होता, तब बेजुबान और असहाय लोग असहनीय कीमत चुकाते हैं, उनका छीन लिया गया भविष्य, एक ऐसा घाव है, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।’ इसी के साथ महबूबा ने दोनों ही देशों से बातचीत का रास्ता खोलने और शांति से समस्या का हल निकालने की बात भी कह दी है। ईएमएस / 09 मई 25