राष्ट्रीय
13-May-2025
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नई दिल्ली(ईएमएस)। एक झटके में पाकिस्तान को औकात दिखाने वाली भारत की सेना अब और अधिक मजबूत होगी। यहां अत्याधुनिक हथियार और सिस्टम पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है साथ हर साल 100 ब्रह्मोस बनाने का भी निर्णय लिया गया है। भारत ने रविवार को ब्रह्मोस एयरोस्पेस इंटीग्रेशन एंड टेस्टिंग फैसिलिटी का उद्घाटन किया, जो उत्तर प्रदेश के डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का हिस्सा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसका वर्चुअल उद्घाटन किया। यह वही ब्रह्मोस है, जिसने हाल ही में पाकिस्तान के कई एयरबेस को निशाना बना कर दुनिया को भारत की सैन्य क्षमता का अहसास कराया था। लखनऊ की इस अत्याधुनिक यूनिट में अब ब्रह्मोस मिसाइल के मौजूदा संस्करणों के साथ-साथ अगली पीढ़ी की हल्की ब्रह्मोस-एनजी मिसाइलें भी तैयार की जाएंगी। ये मिसाइलें जमीन, समुद्र और हवा, तीनों मोर्चों से दुश्मन पर धावा बोलने में सक्षम हैं। यह यूनिट हर साल 80 से 100 ब्रह्मोस मिसाइल बनाएगी और भविष्य में 100 से 150 एनजी वर्जन तक का उत्पादन करेगी। डीआरडीओ और रूस की एनपीओ मशीनोंस्ट्रोयेनिया के संयुक्त उपक्रम ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा विकसित इस मिसाइल की गति मैक 2.8 (करीब 3,430 किमी प्रति घंटे) है और इसकी मारक क्षमता 400 किमी तक है।इस यूनिट को 300 करोड़ रुपये की लागत से 80 हेक्टेयर जमीन पर तैयार किया गया है, जो उत्तर प्रदेश सरकार ने मुफ्त दी थी। इसी परिसर में टाइटेनियम और सुपर एलॉय से जुड़ा स्ट्रैटेजिक मटेरियल्स टेक्नोलॉजी कॉम्प्लेक्स भी बनेगा, जो डिफेंस ग्रेड सामग्री तैयार करेगा। इसके अलावा एक विशेष डिफेंस टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर सिस्टम की आधारशिला भी रखी गई है।पाकिस्तान द्वारा सिरसा की तरफ बैलिस्टिक मिसाइल दागने के बाद भारत ने 10 बड़े एयरबेसों पर करारा जवाब दिया था। इनमें नूर खान, रफीकी, सर्गोधा, मुरिद, सक्कुर, स्कर्दू, सियालकोट, पासरूर, जैकबाबाद और भोलारी जैसे अहम बेस शामिल थे। इन ठिकानों पर ब्रह्मोस, हैमर और स्कैल्प मिसाइलों से हमला किया गया। नूर खान बेस पर हुआ हमला सबसे अहम माना गया क्योंकि यह पाकिस्तान की एयर लॉजिस्टिक्स और न्यूक्लियर योजना से जुड़ा केंद्र था। वीरेंद्र/ईएमएस 13 मई 2025