धार (ईएमएस)। भारतीय संगीत केवल मनोरंजन का ही आत्मिक आनंद का भी पर्याय है। संगीत के सधे बोल मंत्र की भांति स्वयंसिद्ध होते है। श्रोताओं को मन्त्रमुग्ध कर देते है। तार, ताल या ध्वनि वाद्य हो उसमें यह शक्ति सामर्थ्य है कि वह हर उम्र के व्यक्ति को मन्त्रमुग्ध कर दे। 10 वे पद्मश्री फड़के संगीत समारोह में ऐसे ही संकल्पना साकार हुई जब शिवम मालवीय के गायन के बाद मुम्बई से पधारी सुप्रसिद्ध गायिका कनकश्री ने अपने स्वर गुंजित किए। राग रागेश्वरी में आली री पलकन लागी में बड़ा ख्याल तथा लगन लगी तुम्हरे चरण की छोटा ख्याल की प्रस्तुति यादगार रही। दादरा में क्या जादू डारा दीवाना भजन ने सबको मंत्रमुग्ध किया। 10 वे फड़के संगीत समारोह को कलाकारों ने भी स्मरणीय बताया। कनकश्री भट्ट को भोज कला सम्मान अतिथिओं द्वारा प्रदान किया गया। संवादिनी सुश्री रचना शर्मा व तबला संगत अनूप जी पवार ने की। नवोदित गायन में शिवम मालवीय द्वारा राग अहीर भैरव में राम का गुणगान करिए हे रि सखी मंगल गाओ री सासों की माला पर जैसे गीतों को नवस्वर प्रदान किया। बेंजो संगत सचिन बैरागी व तबला संगत गौरव मौर्य ने की। आज का आकर्षण समारोह के दूसरे दिन आज पहले चरण में नूपुर कला केंद्र के बच्चों के नवाचार गीतों विशेष प्रस्तुति होगी। मुख्य आकर्षण में प्रख्यात कत्थक नृत्यांगना भाविनी कुमावत व उनके दल की प्रस्तुति होगी। यह जानकारी मीडिया प्रभारी राकी मक्कड़ ने दी। रॉकी/17/05/2025