-जॉर्जिया कानून के तहत गर्भपात या जीवन रक्षक प्रणाली नहीं कर सकते बंद वाशिंगटन,(ईएमएस)। एक 30 साला की महिला को फरवरी में ब्रेन-डेड घोषित कर दिया गया था, उसको अमेरिकी राज्य जॉर्जिया के गर्भपात विरोधी कानूनों के चलते अब भी जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया है। उसका भ्रूण 21 सप्ताह का है और डॉक्टरों का मनना है कि वह गर्भावस्था की पूरी अवधि पूरी करे ताकि शिशु का जन्म संभव हो सके। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि एड्रियाना स्मिथ नाम की इस महिला के परिवार का कहना है कि अस्पताल ने उन्हें बताया कि जब तक भ्रूण के दिल की धड़कन चालू है, तब तक जॉर्जिया कानून के तहत गर्भपात या जीवन रक्षक प्रणाली को बंद नहीं किया जा सकता है। स्मिथ की मां ने बताया कि उनकी बेटी को फरवरी में सिरदर्द के बाद अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां जांच में मस्तिष्क में खून के थक्के पाए गए थे। बाद में डॉक्टरों ने उसे ब्रेन-डेड घोषित कर दिया था। स्मिथ की मां ने कहा था कि उनकी बेटी अब कानूनी रूप से जीवित नहीं है, लेकिन मशीनें उसे जीवित दिखा रही हैं ताकि भ्रूण विकसित हो सके। उन्होंने चिंता जताई कि डॉक्टरों के मुताबिक भ्रूण के मस्तिष्क में तरल पदार्थ है और वह जन्म के बाद जीवित नहीं रह सकता है। मातृ-भ्रूण चिकित्सा विभाग के प्रमुख ने कहा कि यह मामला नैतिक और चिकित्सकीय रूप से बेहद जटिल है। यह उन चुनौतियों को उजागर करता है जो कड़े गर्भपात कानूनों और परिवार की इच्छा के बीच टकराव में उत्पन्न होती हैं। अस्पताल ने इस पर कोई व्यक्तिगत टिप्पणी देने से इनकार करते हुए कहा कि वह हमेशा राज्य कानूनों और चिकित्सा विशेषज्ञों की सिफारिशों के आधार पर काम करता है। हमारी प्राथमिकता मरीजों की सुरक्षा और भलाई है। अस्पताल ने एक बयान में कहा गया है कि परिवार को इस बात की चिंता है कि बच्चा जन्म के बाद जीवित रह पाएगा या नहीं। यह भी कहा जा रहा है कि वह अंधा, विकलांग या जन्म के बाद मर भी सकता है। सिराज/ईएमएस 18 मई 2025