वाशिंगटन (ईएमएस)। एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर यानी विवाहेतर संबंध, यह मुद्दा जितना संवेदनशील है, उतना ही आम होता जा रहा है। शादी के बाद भी कई लोग किसी और के प्रति आकर्षित हो जाते हैं, और इसके पीछे सिर्फ एक कारण नहीं, बल्कि कई भावनात्मक, मानसिक और सामाजिक परिस्थितियां होती हैं। कई बार व्यक्ति अपने जीवनसाथी से वो जुड़ाव महसूस नहीं करता जिसकी उसे ज़रूरत होती है। जब भावनात्मक संतुलन बिगड़ता है, अपनापन कम होता है या समझ की कमी महसूस होती है, तो इंसान किसी ऐसे व्यक्ति की ओर आकर्षित हो सकता है जो उसकी उस कमी को भर सके। सिर्फ भावनात्मक नहीं, शारीरिक असंतोष भी एक बड़ी वजह बनता है। यदि रिश्ते में रोमांस, स्पर्श या शारीरिक सामंजस्य की कमी हो, तो कुछ लोग बाहर सुख तलाशने लगते हैं। एकरसता भी कारणों में शामिल है। सालों तक एक ही रिश्ते में रहने के बाद लोग कभी-कभी उत्साह और नयापन पाने के लिए बाहर की ओर देखना शुरू कर देते हैं। सोशल मीडिया, ऑफिस और डिजिटल कनेक्शन इस आकर्षण को आसान बना देते हैं। कई बार यह कदम केवल किसी परिस्थिति में लिया गया होता है, जैसे अकेलापन, यात्रा के दौरान अवसर मिलना या शराब के प्रभाव में निर्णय लेना। कुछ मामलों में यह भावनात्मक बदले की प्रतिक्रिया होती है – अगर किसी को लगता है कि उसके साथ विश्वासघात हुआ है, तो वह भी ऐसा कदम उठा सकता है, ताकि अपना दर्द दिखा सके या खुद को संतुलित कर सके। हालांकि विवाहेतर संबंधों को केवल गलत करार देना आसान है, पर कई बार ये एक गहरे संकट की ओर इशारा करते हैं, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। अगर समय रहते संवाद हो, एक-दूसरे को समझने की कोशिश हो और ज़रूरत पड़े तो काउंसलिंग ली जाए, तो रिश्ता संभाला जा सकता है। रिश्ते में विश्वास, इज़्ज़त और समय की अहमियत जितनी जल्दी समझी जाए, उतना बेहतर है, क्योंकि कई बार एक अफेयर सिर्फ धोखा नहीं, बल्कि एक सिग्नल होता है कि कुछ तो छूट रहा है। आज की तेज़ रफ्तार और डिजिटल होती ज़िंदगी में रिश्तों की जटिलता पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गई है। शादी जैसे बंधन को लोग अब पहले की तरह नहीं निभा पा रहे हैं। सुदामा/ईएमएस 18 मई 2025