वाशिंगटन (ईएमएस)। शराब पीने से कुछ लोगों को सोने में मदद मिलती हुई लगती है, लेकिन यह दरअसल एक भ्रम है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि शराब पीने से नींद पूरी नहीं होती, बल्कि यह व्यक्ति को सिर्फ बेहोश कर देती है, जिससे शरीर को पर्याप्त आराम नहीं मिल पाता। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि शराब पीने के बाद नींद में जो बदलाव आते हैं, वे सच्ची नींद के मुकाबले बहुत ही नुकसानदायक होते हैं। शराब से रैपिड आई मूवमेंट नींद प्रभावित होती है, जो नींद का एक अहम हिस्सा है। इसके कारण व्यक्ति गहरी नींद से वंचित रह जाता है, और सुबह वह थका-थका और चिड़चिड़ा महसूस करता है। शराब का असर रात के मध्य में कम होने लगता है, जिससे नींद टूटने का खतरा बढ़ जाता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, शराब पीने से नींद की गुणवत्ता खराब हो जाती है। नियमित रूप से शराब पीने वालों में से 90 प्रतिशत लोग नींद से संबंधित समस्याओं का सामना करते हैं। इसका असर शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन के स्तर को बढ़ाता है, जिससे नींद की प्रक्रिया बाधित होती है। लोग रात को शराब पीने के बाद 3 से 4 बजे के बीच जागने लगते हैं, जिससे वे पर्याप्त नींद नहीं ले पाते। इसके बाद भी शरीर को पूरी तरह से आराम नहीं मिलता है, और व्यक्ति अगले दिन थकान महसूस करता है। यह स्थिति शराब की आदत को और बढ़ावा देती है, क्योंकि लोग सोचते हैं कि अगले दिन बेहतर नींद के लिए उन्हें फिर से शराब पीनी होगी। इस प्रकार एक नकारात्मक चक्र का निर्माण होता है, जो शरीर और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि शराब से नींद में सुधार की बजाय और भी समस्याएं पैदा होती हैं, इसलिए शराब से दूर रहना और प्राकृतिक तरीके से नींद की आदत डालना ही सबसे अच्छा विकल्प है। अंततः यह साबित हो जाता है कि शराब पीकर नींद लेना सिर्फ एक भ्रम है और इससे सच्ची नींद नहीं मिलती। यदि आप चाहते हैं कि आपकी नींद गहरी और आरामदायक हो, तो शराब से परहेज करना सबसे सही तरीका है। मालूम हो कि दिनभर की थकान और तनाव के बीच एक अच्छी नींद सबसे अहम है, क्योंकि यह शरीर और मन को आराम देती है और हमारी सेहत को बेहतर बनाए रखती है। लेकिन हाल ही में एक नई अवधारणा सामने आई है, जिसे फेक स्लीप कहा जा रहा है। यह समस्या उन लोगों में ज्यादा देखी जा रही है जो शराब पीकर सोने की आदत डाल लेते हैं। सुदामा/ईएमएस 19 मई 2025