लेख
22-May-2025
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वैश्विक स्तरपर दुनियाँ का हर देश अभी तक कोरोना वायरस (कोविड-19) की महामारी को भूल नहीं पाए है, या यूं कहें कि संभल नहीं पाए हैं,इस बीच कोरोना महामारी के अनेक वेरिएंट आ चुके हैं,लेकिन अभी मई माह में जो फिर से कोरोना वायरस की आहट हुई है यह कोविड -19 तुल्य है,ऐसी जानकारी मीडिया में आ रही है हालांकि इसका अधिक प्रकोप अभी खासकर हांगकांग सिंगापुर थाईलैंड में स्थिति चिंताजनक होती जा रही है क्योंकि संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। भारत में भी 19 मई 2025 तक 257 केस आ चुके हैं, जिससे शासन प्रशासन स्वास्थ्य विभाग पूरी तरहसे अलर्ट मोड में आ गए हैं,हालांकि सरकार और स्वास्थ्य एजेंसियां कोरोना की इस आहट को हल्के में लेने के मूड में नहीं हैं,सोमवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक हाई-लेवल रिव्यू मीटिंग बुलाई जिसमें एनसीडीसी, आईसीएमआर, डिसास्टर मैनेजमेंट सेल और केंद्र सरकार के अस्पतालों के विशेषज्ञों ने भाग लिया, मीटिंग के बाद अधिकारियों ने बताया कि देश में कोविड की स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है, भारत का इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम और आईसीएमआर के नेतृत्व में चल रहे जीनोम सीक्वेंसिंग कार्यक्रम लगातार कोरोना और अन्य श्वसन संक्रमणों पर नजर बनाए हुए हैं, मंत्रालय ने साफ किया है कि फिलहाल यह चिंता की बात नहीं है, लेकिन सतर्कता ज़रूरी है,देश की स्वास्थ्य व्यवस्थाकिसी भी संभावित संक्रमण की लहर से निपटने के लिए तैयार है, परंतु इस बीच दिनांक 20-21मई 2025 की मध्यरात्रि में जिनेवा में चल रहे विश्व स्वास्थ्य संगठन के विश्व स्वास्थ्य सभा 19, से 27 मई 2025 के 78 वें सत्र में सभा के सभी सदस्यों की आपसी 3 वर्षों की बातचीत के उपरांत भविष्य की महामारी में मिलकर तैयारी करने का समझौता हो गया है, जो रेखांकित करने वाली बात है मेरा मानना है कि अब पूरी दुनियाँ की कोई भी महामारी आ जाए तो अगर पूरा विश्व एक साथ एक दूसरे का सहयोग कर उसका मुकाबला करेगा तो वह कोविड-19 जैसी किसी भी महामारी का गंभीरता से मुकाबला करेगा तो उस महामारी को मैदान छोड़कर भागना ही पड़ेगा यह होता है एक और एक 11 की ताकत का सटीक कमाल! चूँकि कोरोना महामारी कोविड -19 के प्रभाव की आहट फिर भारत सहित कुछ देशों में हो चुकी है, व तीव्रता से संक्रमण शुरू हो गया है तथा विश्व स्वास्थ्य सभा के 78 वें सत्र में भविष्य की महामारियों से एक जुट से लड़ने का ऐतिहासिक समझौता अब हो चुका है, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इसआर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे,वैश्विक स्तरपर मास्क सैनिटाइजर की फिर आदत फ़िर डालना,भीड़भाड़ वाली जगह व किसी भी अपवाह या डर का शिकार न होना सभी के लिए जरूरी है। साथियों बात अगर हम कोविड -19 महामारी के भारत में पैर पसारने की करें तो,हालांकि भारत में अभी मामलों की संख्या कम है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जो ट्रेंड दिख रहा है, वह चिंताजनक है। अगर सही समय पर कदम नहीं उठाए गए, तो भारत भी इस नई लहर की चपेट में आ सकता है, विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में टीकाकरण का प्रभाव अब कम होने लगा है, बूस्टर डोज की जरूरत एक बार फिर बढ़ गई है, लेकिन लोग इसमें ढिलाई बरत रहे हैं।विशेषज्ञों का कहना है बच्चों बुज़ुर्गों, 65 साल से ऊपर के लोगों, और जिनकी इम्युनिटी पहले से कमजोर है, उन्हें यह संक्रमण तेजी से पकड़ सकता है,साथ ही मौसमी बदलाव, सामाजिक मेल जोल और अंतरराष्ट्रीय यात्रा भी इसके प्रसार को बढ़ावा दे रहे हैं अभी हुई बैठक में नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल, इमरजेंसी मेडिकल रिलीफ डिवीजन, डिजास्टर मैनेजमेंट सेल, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और केंद्र सरकार के अस्पतालों के विशेषज्ञ मौजूद थे आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बैठक में यह निष्कर्ष निकाला गया न कि भारत में कोविड-19 स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है। सूत्र ने बताया,19 मई 2025 तक भारत में कोविड-19 के सक्रिय मामलों की संख्या 257 है। देश की बड़ी आबादी को देखते हुए बहुत आंकड़ा कम है। इनमें से लगभग सभी मामले ज्यादा गंभीर नहीं हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत भी नहीं है। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है। सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि बढ़ते मामलों को देखते हुए व्यापक तैयारी की जाए।स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक भारत में 12 मई से अब तक 164 मामले सामने आए हैं। केरल में सबसे अधिक 69 मामले, तो वहीं महाराष्ट्र में 44 और तमिलनाडु में 34 मामले सामने आए हैं। इसके अलावा कर्नाटक में कोविड-19 के 8 नए मामले, गुजरात में 6 और दिल्ली में 3 मामले सामने आए।हरियाणा, राजस्थान और सिक्किम में एक-एक नया मामला सामने आया है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक है।इन घटनाक्रमों के मद्देनजर, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक की अध्यक्षता में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र, आपातकालीन चिकित्सा राहत प्रभाग, आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद और केंद्र सरकार के अस्पतालों के विशेषज्ञों की समीक्षा बैठक बुलाई गई, बैठक में निष्कर्ष निकाला गया कि भारत में वर्तमान कोविड-19 स्थिति नियंत्रण में है. 19 मई, 2025 तक, भारत में सक्रिय कोविड-19 मामलों की संख्या 257 है, जो देश की बड़ी आबादी को देखते हुए बहुत कम आंकड़ा है, इनमें से लगभग सभी मामले हल्के हैं, जिनमें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है।हालांकि सरकार और स्वास्थ्य एजेंसियां कोरोना की इस आहट को हल्के में लेने के मूड में नहीं हैं,मीटिंग के बाद अधिकारियों ने बताया कि देश में कोविड की स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है. भारत का इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम और आईसीएम आर के नेतृत्व में चल रहे जीनोम सीक्वेंसिंग कार्यक्रम लगातार कोरोना और अन्य श्वसन संक्रमणों पर नजर बनाए हुए हैं, मंत्रालय ने साफ किया है कि फिलहाल यह चिंता की बात नहीं है, लेकिन सतर्कता ज़रूरी है, देश की स्वास्थ्य व्यवस्था किसी भी संभावित संक्रमण की लहर से निपटने के लिए तैयार है।अगर फ्लू जैसे लक्षण हों तो टेस्ट कराएं, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और बीमार लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए,मास्क और सैनिटाइज़र की आदत फिर से डालें, खासकर भीड़भाड़ वाली जगहों पर,किसी भी अफवाह या डर का शिकार न बनें, लेकिन सतर्क जरूर रहें। साथियों बात अगर हम सिंगापुर हांगकांग थाईलैंड में कोरोना वायरस (कोविड-19) के अति तीव्रता से संक्रमण की करें तो, कोरोना वायरस एक बार फिर डराने लगा है, ऐसा लग रहा है कि कुछ समय की राहत के बाद वायरस फिर से पैर पसारने लगा है, एशिया के कई देशों मेंकोविड के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, खासकर हांगकांग, सिंगापुर और थाईलैंड में स्थिति चिंताजनक होती जा रही है. इन देशों में संक्रमितों की संख्या में तेज़ इज़ाफा हुआ है और अस्पतालों में भर्ती होने वालों की संख्या भी बढ़ रही है. भारत में भी नए मामलों को लेकर चिंता गहराने लगी है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अभी से सतर्कता नहीं बरती गई, तो स्थिति और बिगड़ सकती है सिंगापुर में कोविड-19 के मामलों 28 परसेंट की वृद्धि दर्ज की गई है, हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि सरकार ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है यहां कोविड -19 के कुल अनुमानित केस 14,200 तक पहुंच गए हैं,इससे ज्यादा गंभीर बात यह है कि अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या में भी लगभग 30 परसेंट का इज़ाफा हुआ।5 मई से 11 मई के बीच सिंगापुर में 25,900 नए केस सामने आए, इसी अवधि में अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की औसत दैनिक संख्या 181 से बढ़कर 250 हो गई है. विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगले 2 से 4 हफ्तों में यह लहर अपने चरम पर पहुंच सकती है। हांगकांग में कोविड-19 संक्रमण की नई लहर शुरू हो चुकी है, यहां स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है, स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, अब तक 81 नए मामले सामने आए हैं, जिनमें से 30 लोगों की मौत हो चुकी। साथियों बात अगर हम डब्लूएचओ के विश्व स्वास्थ्य सभा के 78 वें सत्र में समझौतों की करें तो,विश्व स्वास्थ्य सभा ने भविष्य की महामारियों के लिए तैयार रहनें के लिए ऐतिहासिक समझौता अपनाया,विश्व का पहला महामारी समझौता मंगलवार को विश्व स्वास्थ्य सभा के सदस्य देशों द्वारा औपचारिक रूप से अपनाया गया, जो वर्तमान में जिनेवा में चल रहा है,ठन की शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था 78 वें विश्व स्वास्थ्य संगठन का यह ऐतिहासिक निर्णय कोविड-19 महामारी के विनाशकारी प्रभाव के जवाब में सरकारों द्वारा तीन साल से अधिक समय तक की गई बातचीत के बाद आया है, और इसका उद्देश्य भविष्य की महामारियों से दुनिया को सुरक्षित बनाना और उनके जवाब में अधिक न्यायसंगत बनाना है, ऐसा डब्ल्यूएचओ ने कहा। यह महत्वपूर्ण समझौता ऐसे समय में हुआ है जब सिंगापुर और हांगकांग सहित अन्य देशों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि की खबरें आ रही हैं। साथियों बात अगर हम माननीय भारतीय पीएम द्वारा 20 जून 2025 को इस 78 वें सत्र को संबोधन की करें तो, इस दौरान उन्होंने स्वास्थ्य के लिए एक विश्व के मुद्दे पर बात की। पीएम ने कहा कि स्वस्थ विश्व का भविष्य समावेशिता, एकीकृत दृष्टिकोण और सहयोग पर निर्भर करता है। समावेशिता भारत के मूल में है।पीएम नें कहा कि स्वास्थ्य परिणामों को बेहतर बनाने के लिए तकनीक एक महत्वपूर्ण उत्प्रेरक साबित हो सकता है। भारत के पास गर्भवती महिलाओं और बच्चों के टीकाकरण को ट्रैक करने के लिए डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है। लाखों लोगों के पास एक अनूठी डिजिटल स्वास्थ्य पहचान है। यह हमें लाभ, बीमा, रिकॉर्ड और सूचना को एकीकृत करने में मदद कर रहा है। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि कोरोना वायरस (कोविड-19) के प्रकोप की भारत सहित विश्व में फ़िर से आहट-विश्व स्वास्थ्य संगठनके सदस्य देशों में ऐतिहासिक समझौता, डब्लूएचओ क़े विश्व स्वास्थ्य सभा के 78 वें सत्र 19-27 मई 2025 में भविष्य की महामारियों पर तैयार रहने का ऐतिहासिक समझौता वैश्विक स्तरपर मास्क, सेनेंटाइजर की फ़िर आदत डालना,भीड़भाड़ वाली जगहों व किसी भी अपवाह या डर का शिकार न होना सभी के लिए ज़रूरी है। (संकलनकर्ता लेखक - कर विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यमा सीए(एटीसी) (यह लेखक के व्य‎‎‎क्तिगत ‎विचार हैं इससे संपादक का सहमत होना अ‎निवार्य नहीं है) .../ 22 मई /2025