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23-May-2025
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-सुप्रीम कोर्ट ने दायर याचिका पर कहा- लोग स्वेच्छा से कर रहे ये काम नई दिल्ली,(ईएमएस)। देश में ऑनलाइन और ऑफलाइन सट्टेबाजी ऐप्स के बढ़ते प्रचलन से बच्चों और युवाओं पर बुरा असर पड़ रहा है। बच्चों में सट्टेबाजी की लत लग रही जिससे माता-पिता टेंशन में हैं। इस चक्कर में कई बच्चे अपनी जान भी गंवा चुके हैं। अब इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। इसमें इन ऐप्स के खिलाफ कड़ा कानून बनाने और उन्हें नियंत्रित करने की मांग की गई है। यह याचिका एक समाजसेवी ने दायर की है। इस याचिका में उन्होंने बताया कि ऑनलाइन और ऑफलाइन सट्टेबाजी ऐप्स मासूमों को इसकी लत लगा रहे हैं। उन्होंने कोर्ट में कहा कि मैं उन लाखों माता-पिता की ओर से बोल रहा हूं जिनके बच्चे इस ऐप्स के चलते अपनी जान गवां चुके हैं। सिर्फ तेलंगाना में ही 1023 लोगों ने आत्महत्या की है। 25 बॉलीवुड और टॉलीवुड से जुड़े प्रभावशाली लोग इन ऐप्स को प्रमोट कर रहे हैं और मासूमों की जिंदगी खतरे में डाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश की 90 करोड़ आबादी में से करीब 30 करोड़ लोग ऐसे ऐप्स का शिकार हैं और यह अनुच्छेद 21 का सीधा उल्लंघन है। मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन के सिंह की पीठ ने याचिकाकर्ता की भावना को समझते हुए कहा कि हम मूलरूप से आपके साथ हैं। आपसे सहमत हैं। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि इस मामले को इस न्यायालय ने निपटा दिया है। लोग स्वेच्छा से ये काम कर रहे हैं। क्या किया जा सकता है? इसे रोका जाना चाहिए…लेकिन शायद आप इस गलतफहमी में हैं कि इसे कानून के जरिए रोका जा सकता है। ठीक वैसे ही जैसे हम कानून के बावजूद लोगों को हत्या करने से नहीं रोक सकते। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस तरह के मामलों में व्यक्तिगत विवेक और परिवार की भूमिका सबसे अहम होती है, क्योंकि लोग स्वेच्छा से ऐसी गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं। सिराज/ईएमएस 23मई25