ज़रा हटके
27-May-2025
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लंदन (ईएमएस)। कम समय में फिट और एक्टिव रहने की ‘जापानी वॉकिंग’ दुनियाभर में लोकप्रिय हो चुकी है। जापानी वॉकिंग एक आसान लेकिन असरदार तरीका है, जिसे हर उम्र का व्यक्ति अपनाकर स्वस्थ और युवा बना रह सकता है।जापान में तैयार किया गया यह वॉकिंग पैटर्न अब एक इंटरवल वॉकिंग ट्रेनिंग यानी आईडब्ल्यूटी के नाम से जाना जाता है, जिसे वैज्ञानिक आधार पर एंटी-एजिंग और फिटनेस बढ़ाने वाला रूटीन माना जा रहा है। अब तक लोग हर दिन 10,000 कदम चलने को सेहत के लिए सबसे बेहतर मानते थे, लेकिन जापानी वॉकिंग इस धारणा को एक नई दिशा देती है। इसमें हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग की तर्ज पर 30 मिनट की वॉकिंग को खास तकनीक से किया जाता है। इस रूटीन में 3 मिनट तेजी से चलना और फिर 3 मिनट आराम से वॉक करना होता है। यह पैटर्न लगातार पांच बार दोहराया जाता है, जिससे न केवल मेटाबॉलिज्म तेज होता है बल्कि फैट बर्निंग भी बेहतर तरीके से होती है। जापान में हुए शोधों के अनुसार, इस वॉकिंग स्टाइल को अपनाने वालों के ब्लड प्रेशर, शुगर, कोलेस्ट्रॉल लेवल और मसल्स स्ट्रेंथ में बड़ा सुधार देखा गया। एक 68 वर्षीय प्रतिभागी ने इस वॉकिंग के दौरान अपनी हार्टबीट 130 तक बढ़ा ली, जो कि एक मध्यम स्तर की साइकिलिंग जितनी प्रभावी थी। तेज और धीमी चाल के इस क्रम में शरीर की ऊर्जा जाग्रत होती है और मेटाबॉलिक प्रोसेस एक्टिव हो जाता है। यह न सिर्फ हृदय गति को नियंत्रित करता है, बल्कि बुजुर्गों में बैलेंस और कोआर्डिनेशन भी सुधारता है। इससे रक्त संचार बढ़ता है, अंगों का डिटॉक्स बेहतर होता है, पोषक तत्वों का अवशोषण सुधरता है और मानसिक स्पष्टता भी बढ़ती है। यदि कोई इस वॉकिंग को और प्रभावी बनाना चाहता है, तो वह अपने रूटीन में हल्के वजन का उपयोग कर सकता है, जिससे मांसपेशियों पर असर पड़ेगा और कैलोरी तेजी से बर्न होंगी। इसके अलावा, घर के भीतर भी वर्कआउट के रूप में ज़िग-ज़ैग चलना, पीछे की ओर वॉक करना या आठ की आकृति में घूमना जैसे विकल्प अपनाए जा सकते हैं। इससे शरीर की अनदेखी मांसपेशियां सक्रिय होती हैं और दिमाग भी सतर्क रहता है। सुदामा/ईएमएस 27 मई 2025