पटना,(ईएमएस)। पढ़ाने के अनोखे अंदाज और सामाजिक विषयों पर बेबाक राय रखने वाले खान सर की शादी की खबर जब सामने आई, तो सोशल मीडिया पर चर्चा होने लगी। हर कोई यही जानने को बेताब दिखा कि आखिर खान सर की दुल्हनियां कौन बनी हैं, लेकिन अब जो बात सबसे ज्यादा चर्चा में है, वो है कि उन्होंने यह शादी एक खास शर्त पर की। अब जब हालात सामान्य हो गए हैं और भारत-पाक तनाव की स्थिति भी स्थिर हो गई है, तो खान सर ने अपने छात्रों से वादा किया है कि वे अब एक दावत का आयोजन करेंगे। उन्होंने कहा, अब जबकि युद्ध जैसी कोई बात नहीं रही, तो मैं आप सभी को दावत देने का वादा करता हूं, जो कि 6 जून को होगी। खान सर की शादी की खबर जैसे ही वायरल हुई, सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। ट्विटर से लेकर इंस्टाग्राम तक, हर जगह लोग उन्हें बधाइयां दे रहे हैं और यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि आखिर खान सर की जीवनसंगिनी कौन हैं। हालांकि इस बारे में उन्होंने कोई खुलासा नहीं किया है। उनका फोकस अब भी पूरी तरह से अपने छात्रों और पढ़ाई पर है। खान सर ने बताया कि यह शादी मई महीने की शुरुआत में हुई, लेकिन उन्होंने इसे जानबूझकर गुप्त रखा। वजह थी भारत और पाकिस्तान के बीच उस समय चल रहा सैन्य तनाव। उनका कहना था, ऐसा लग रहा था जैसे कभी भी युद्ध छिड़ सकता है। ऐसे माहौल में शादी का धूमधाम से आयोजन मुझे उचित नहीं लगा। देश की स्थिति को देखकर मैं खुद असमंजस में था कि शादी करूं भी या नहीं। खान सर ने बताया कि जब देश की सीमाओं पर तनाव चरम पर था, तब उनका मन कर रहा था कि शादी को टालकर सीमा पर जा कर सैनिकों की मदद करें। उन्होंने कहा, मैं सोच रहा था कि शादी को स्थगित कर दूं और बॉर्डर पर जाकर किसी तरह देश के जवानों के साथ खड़ा हो जाऊं। लेकिन मेरे माता-पिता ने शादी की सारी तैयारियां कर रखी थीं और वे बहुत दुखी थे। मैं उन्हें दुख नहीं दे सकता था। हालात और माता-पिता की भावनाओं को समझते हुए उन्होंने आखिरकार शादी के लिए हामी भर दी, लेकिन एक शर्त रखी - किसी को भी शादी में नहीं बुलाया जाएगा। खान सर कहते हैं, मैंने पाकिस्तानियों को उनके अचानक किए गए हमले के लिए कोसा और शादी के लिए राजी हुआ, लेकिन यह तय किया कि इस शादी में कोई समारोह नहीं होगा। शादी में निमंत्रण ना देने के पीछे खान सर की सोच ने सबका दिल जीत लिया। उन्होंने कहा, मेरी पहचान मेरे छात्रों से है। अगर कोई समारोह होता और उसमें मेरे छात्र शामिल नहीं होते, तो ऐसा समारोह मेरे लिए अधूरा होता। मैं नहीं चाहता था कि ऐसा कोई आयोजन हो जहां वो न हों। वीरेंद्र/ईएमएस/28मई 2025