03-Jun-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। हाल के वर्षों में यह देखने को मिला है कि युवा उम्र में भी हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़े हैं। 20 से 25 साल की उम्र के लोग भी अब दिल की बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है खून में कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना। विशेषज्ञों के मुताबिक बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन कुछ खास किस्म के तेल इसका प्रमुख कारण बन रहे हैं। आमतौर पर लोग मानते हैं कि ऑर्गेनिक तेल या महंगे ब्रांड का तेल दिल के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन सच्चाई यह है कि कुछ ऑयल दिल के लिए नुकसानदेह होते हैं। अध्ययन बताते हैं कि कई तेलों में नकली ट्रांस फैट्स मौजूद होते हैं, जो शरीर में एलडीएल यानी बैड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा देते हैं और एचडीएल यानी अच्छे कोलेस्ट्रॉल को घटा देते हैं। इससे दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता है। अमेरिकन नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की एक रिपोर्ट बताती है कि यदि पॉलीअनसैचुरेटेड और मोनोअनसैचुरेटेड फैट की जगह ट्रॉपिकल ऑयल का इस्तेमाल किया जाए, जैसे नारियल तेल, तो शरीर में एलडीएल काफी बढ़ सकता है, जो हृदय के लिए हानिकारक है। इसके अलावा, कॉर्न ऑयल जैसे तेलों में ओमेगा-6 फैट की अधिकता होती है। सीमित मात्रा में यह आवश्यक है, लेकिन ज्यादा सेवन से यह शरीर में सूजन उत्पन्न कर सकता है, जो हृदय की धमनियों को प्रभावित करता है। इसी तरह, मार्जरीन में ट्रांस फैटी एसिड की मात्रा अधिक होती है और यह कोरोनरी हार्ट डिजीज का कारण बन सकता है। भले ही कई देशों में इसे प्रतिबंधित किया गया है, लेकिन कुछ जगहों पर यह अब भी आसानी से उपलब्ध है। नारियल तेल को अक्सर स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है, लेकिन इसमें सैचुरेटेड फैट अधिक होती है, जो बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ाकर दिल के लिए खतरा बन जाती है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन और वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन भी इसके सीमित इस्तेमाल की सलाह देते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि चाहे कोई भी तेल हो, अगर उसे बार-बार गर्म किया जाए, तो वह शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे तेलों के लगातार सेवन से ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और धमनियों में रुकावट जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए, बेहतर दिल की सेहत के लिए सही तेल का चुनाव और समझदारी जरूरी है। बता दें कि भारत में शायद ही कोई ऐसा घर हो जहां खाना पकाने में तेल का इस्तेमाल न होता हो। हर रसोई की जरूरत बन चुका तेल अब एक स्वास्थ्य खतरे का कारण भी बनता जा रहा है। सुदामा/ईएमएस 03 जून 2025