नई दिल्ली (ईएमएस)। कई लोग बुखार से राहत पाने के लिए ठंडे पानी से नहाने का विकल्प चुनते हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या बुखार में नहाना सही है? इसको लेकर लोगों की अलग-अलग राय होती है। कोई कहता है कि इससे हालत बिगड़ सकती है, तो कोई मानता है कि इससे आराम मिलता है। विशेषज्ञों की राय से इस भ्रम को दूर किया जा सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, बुखार के दौरान नहाना नुकसानदायक नहीं होता, लेकिन यह पूरी तरह व्यक्ति की स्थिति पर निर्भर करता है। शरीर का सामान्य तापमान 98.6 डिग्री फारेनहाइट होता है, लेकिन जब यह 100 डिग्री या उससे ऊपर चला जाता है, तो व्यक्ति को ठंड लगना, सिर दर्द, कमजोरी और पसीना आने जैसी समस्याएं होती हैं। आमतौर पर बुखार में दवाएं दी जाती हैं, जो धीरे-धीरे तापमान को सामान्य करती हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर बुखार हल्का है और व्यक्ति बहुत अधिक कमजोरी महसूस नहीं कर रहा, तो हल्के गुनगुने पानी से नहाना शरीर के लिए फायदेमंद हो सकता है। इससे त्वचा पर जमा बैक्टीरिया और पसीना साफ हो जाता है और शरीर में ताजगी का अहसास होता है। वहीं, अगर बुखार बहुत तेज हो और रोगी को ठंड लग रही हो, तो नहाने से परहेज करना चाहिए, क्योंकि इससे स्थिति और बिगड़ सकती है। ऐसे में एक बेहतर विकल्प होता है स्पंज बाथ यानी गुनगुने पानी में भिगोए गए मुलायम कपड़े से शरीर को पोंछना। यह तरीका बच्चों, बुजुर्गों और गंभीर बुखार से जूझ रहे मरीजों के लिए अधिक सुरक्षित होता है। इससे शरीर को साफ रखने के साथ-साथ गर्मी भी कम होती है और व्यक्ति को राहत मिलती है। डॉक्टरों के अनुसार बुखार में नहाना बीमारी की तीव्रता और व्यक्ति की सहनशीलता पर निर्भर करता है। सुदामा/ईएमएस 18 जून 2025