ज़रा हटके
26-Jun-2025
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लंदन (ईएमएस)। स्कॉटलैंड की रहने वाली एक महिला को 31 साल बाद अपने बचपन के एक अनोखे प्रयोग का जवाब मिला है। साल 1994 में जब 12 साल की छात्रा एलेना बेरेसफोर्ड ने अपने स्कूल प्रोजेक्ट के तहत एक बोतल में हाथ से लिखा संदेश डालकर उसे समुद्र में बहा दिया था। यह संदेश उत्तरी सागर के रास्ते बहते हुए नॉर्वे के एक छोटे से द्वीप तक पहुंच गया, जहां समुद्र तट की सफाई कर रहे एक जर्मन स्वयंसेवक को यह बोतल मिली। एलेना, जो अब 42 साल की हैं, ने बताया कि यह पत्र उन्होंने एक प्रोजेक्ट के लिए लिखा था जिसमें वे पानी पर अध्ययन कर रही थीं। अपने संदेश में उन्होंने लिखा था, प्रिय खोजकर्ता, मेरा नाम एलेना स्टीफन है, मेरी उम्र 12 साल है और मैं स्कॉटलैंड के पोर्टनॉकी से हूं। मैं पानी पर एक प्रोजेक्ट कर रही हूं और इसलिए यह संदेश भेज रही हूं। कृपया जब आपको यह संदेश मिले, तो अपना नाम, शौक, यह संदेश कहां और कब मिला और आपके क्षेत्र की थोड़ी जानकारी भेजें। सादर, एलेना। तीन दशक बाद, नॉर्वे के वेगा द्वीप के पास स्थित एक छोटे से द्वीप लिशेलोया की सफाई के दौरान पिया ब्रोड्टमैन नाम की जर्मन महिला को यह बोतल मिली। पिया वहां चार महीने से समुद्र तट की सफाई में स्वयंसेवक के रूप में काम कर रही थीं। उन्हें जब यह पुरानी बोतल और उसमें रखा पत्र मिला, तो उन्होंने बहुत उत्साह के साथ एक पोस्टकार्ड के जरिये एलेना को इसकी जानकारी दी। एलेना ने बताया कि जब उन्होंने अपना डाक उठाया और उस पर खुद के नाम से भेजा गया पोस्टकार्ड देखा, तो उन्हें अपनी आंखों पर यकीन नहीं हुआ। उन्होंने तुरंत सोशल मीडिया के जरिए पिया को ढूंढ़ा और संपर्क कर अपने पुराने पत्र की तस्वीर भेजने का आग्रह किया। जब पिया ने उन्हें वह तस्वीर भेजी, तो एलेना भावुक हो गईं। उन्होंने बताया कि पत्र की हालत पढ़ने लायक थी और यह देखकर वह बेहद चकित रह गईं। अब एलेना और पिया आपस में संपर्क में हैं और दोनों उम्मीद कर रही हैं कि यह संवाद आगे भी चलता रहेगा। सुदामा/ईएमएस 26 जून 2025