लंदन (ईएमएस)। इंसान के जन्मदिन पर उसकी मौत की संभावना सामान्य दिनों की तुलना में अधिक हो सकती है। वैज्ञानिक शोधों और तथ्यों पर आधारित यह एक वास्तविक विषय है जिसे बर्थडे इफेक्ट कहा जाता है। इसका अर्थ है कि किसी व्यक्ति के जन्मदिन पर उसकी मृत्यु होने की संभावना बढ़ जाती है। इस प्रभाव को लेकर वैज्ञानिकों की राय है कि जन्मदिन केवल जश्न का दिन नहीं होता, बल्कि यह मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक रूप से भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। अक्सर लोग इस दिन ज्यादा शराब पीते हैं, पार्टी करते हैं और जोखिम भरे फैसले लेते हैं। नशे की हालत में गाड़ी चलाना, देर रात बाहर रहना या अतिरिक्त थकान जैसे कारण दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ा सकते हैं। स्वास्थ्य लेखिका होली मैकह्यू ने लिखा है कि यह दिन कई बार अनजाने में खुद को खतरे में डालने का कारण बन सकता है। जन्मदिन पर कई लोग मानसिक तनाव या अकेलेपन का भी अनुभव करते हैं। खासकर उम्र बढ़ने की चिंता, पिछली उपलब्धियों पर असंतोष या अकेलेपन की भावना जन्मदिन को एक उदास अनुभव में बदल सकती है। इसे ही ‘बर्थडे ब्लूज़’ या जन्मदिन उदासी कहा जाता है। मानसिक रूप से कमजोर या गंभीर बीमारियों से जूझ रहे कुछ लोग जन्मदिन को एक लक्ष्य मानते हैं, और उस दिन के बाद जैसे ही वह खत्म होता है, उनके भीतर जीवित रहने की मानसिक ऊर्जा भी खत्म हो जाती है। इस स्थिति में कई बार मौत हो जाना देखा गया है। इस विषय पर कई वैज्ञानिक अध्ययन भी किए गए हैं। 2016 में जापान में हुई एक स्टडी के मुताबिक, जन्मदिन पर आत्महत्या की संभावना 50प्रतिशत अधिक पाई गई। 2015 में अमेरिका में हुए एक अध्ययन में यह खतरा 6.7प्रतिशत ज्यादा था। वहीं 2012 में स्विट्जरलैंड में 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों पर हुई स्टडी में बताया गया कि इस उम्र वर्ग में जन्मदिन पर मरने की संभावना 13.8 प्रतिशत बढ़ जाती है। ये आंकड़े बताते हैं कि जन्मदिन के दिन कुछ खास मानसिक और शारीरिक चुनौतियां इंसान को ज्यादा प्रभावित कर सकती हैं। हालांकि कुछ वैज्ञानिक इस बात को लेकर भी सतर्क हैं कि कहीं ये आंकड़े रिकॉर्डिंग की त्रुटियों के कारण तो नहीं हैं। कभी-कभी मृत्यु और जन्म की तारीख एक ही लिख दी जाती है, जिससे यह भ्रम हो सकता है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी गलतियां सीमित होती हैं और शोधों के नतीजों पर ज्यादा असर नहीं डालतीं। इसलिए यह जरूरी है कि जन्मदिन को सिर्फ जश्न का दिन न मानकर एक संवेदनशील दिन के रूप में भी देखा जाए। सलाह दी जाती है कि इस दिन ज्यादा शराब न पिएं, जोखिम भरे फैसलों से बचें। सुदामा/ईएमएस 27 जून 2025