- एएचआरसी की रिर्पोट-लापरवाह अफसरों पर विभागीय कार्रवाई की जाए - पीड़िताओ को 5-5 और नाबालिग को दी जाये 6 लाख की सहायता - पुलिस की जांच अधूरी और कमजोर, कई साक्ष्यो पर नहीं दिया ध्यान भोपाल(ईएमएस)। राजधानी भोपाल में स्थित टीआईटी कॉलेज की छात्राओं के साथ दुष्कर्म, ब्लैकमेलिंग और जबरन धर्म परिवर्तन करने का दबाव बनाने के सनसनीखेज मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। इस मामले में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने सरकार और पुलिस पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा की संवेदनशील मामले में पुलिस की जांच अधूरी और कमजोर रही, कई सबूतों पर ध्यान नहीं दिया गया, और डायल-100 ने एक पीड़िता के फोन को गंभीरता से नहीं लिया गया वहीं कॉलेज परिसर में एंटी रैगिंग सेल जैसी व्यवस्थाएं भी नहीं मिलीं। आयोग ने यह भी कहा की क्लब-90 को अपराध में इस्तेमाल किया गया, जिसे बाद में बिना सूचना ध्वस्त कर दिया गया इसकी जॉच होनी चाहिये। आयोग ने मुख्य सचिव और डीजीपी को निर्देश दिए हैं, कि पूरे मामले की निष्पक्ष और विस्तृत जांच कराई जाए और जांच में लापरवाही बरतने वाले अफसरों पर विभागीय कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही आयोग ने मुख्यमंत्री सहायता कोष से पीड़ितों को जो 50 हजार रुपए की राशि दी जा रही है, उसके ऐवज में हर पीड़िता को 5-5 लाख और एक नाबालिग पीड़िता को 6 लाख रुपए देने का निर्देश भी दिया गया है। आयोग का कहना है कि इस मामले में सामने आए तथ्य बताते हैं, कि यह सिर्फ ‘लव जिहाद’ का मामला नहीं, बल्कि यौन शोषण, मानसिक प्रताड़ना, धर्मांतरण और मानव तस्करी जैसे अपराधों की संगठित श्रृंखला है। आयोग ने राज्य सरकार से कहा है कि वह पूरे मामले में गहराई से जांच करे और देशभर में फैले इस नेटवर्क की जड़ तक पहुंचे। यह एक सुनियोजित और संगठित अपराध है जिसमें आरोपियों के दूसरे राज्यों तक भी नेटवर्क हो सकते हैं। आयोग ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं इस प्रकरण के कारण जिन छात्राओं ने पढ़ाई छोड़ दी है, उन्हें पूरी सुरक्षा देते हुए नए कॉलेज में उनकी पढ़ाई शुरू करवाई जाए। मामले में पुलिस ने फरहान, साहिल, अबरार, अली और साद के खिलाफ मामला दर्ज किया था। वहीं आयोग को मिली शिकायत के अनुसार, भोपाल के एक निजी कॉलेज में कुछ छात्राओं को पहले दोस्ती के जाल में फंसाया गया, फिर उनके साथ दुष्कर्म किया गया। उनके अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किया गया और फिर धर्म बदलने के लिए दबाव बनाया गया। आयोग की ओर से गठित टीम ने 13 से 17 मई के बीच भोपाल आकर पुलिस कमिश्नर, संबंधित थानों, कॉलेज, क्लब-90 परिसर और पीड़ित छात्राओं के घरों का दौरा करते हुए पीड़िताओ से बातचीत की थी। आयोग ने मुख्य सचिव और डीजीपी को कहा है कि वे इस पूरे प्रकरण की विस्तृत, निष्पक्ष और तथ्यों पर आधारित रिपोर्ट 25 जुलाई 2025 तक आयोग को सौंपें। जुनेद / 4 जुलाई