शिरडी, (ईएमएस)। महाराष्ट्र के शिरडी में गुरु पूर्णिमा उत्सव भक्तिमय वातावरण में शुरू हो गया है। हजारों भक्त पालकी के साथ साईं नाम का जाप करते हुए पैदल शिरडी में प्रवेश कर चुके हैं। बुधवार को अनगिनत भक्तों ने साईं बाबा के चरणों में शीश झुकाया और उन्हें अपना गुरु माना, जिन्होंने विश्वास और धैर्य का संदेश दिया।गुरु पूर्णिमा महोत्सव के अवसर पर साईं मंदिर परिसर एवं गर्भगृह को फूलों से आकर्षक ढंग से सजाया गया है तथा साईं मंदिर एवं परिसर को आकर्षक ढंग से रोशन किया गया है। साईं बाबा संस्थान द्वारा साईं मंदिर में मनाए जाने वाले तीन दिवसीय गुरु पूर्णिमा महोत्सव का बुधवार को पहला दिन था। इस अवसर पर श्रद्धालुओं के सहयोग से साईं मंदिर सहित पूरे क्षेत्र को विद्युत रोशनी एवं रंग-बिरंगे फूलों से आकर्षक ढंग से सजाया गया है। साईं बाबा की अनुमति से शुरू हुआ गुरु पूर्णिमा उत्सव आज भी साईं बाबा संस्थान द्वारा उतनी ही श्रद्धा से मनाया जाता है। इस वर्ष तीन दिवसीय गुरु पूर्णिमा महोत्सव 9 जुलाई से 11 जुलाई तक मनाया जा रहा है। इस वर्ष गुरु पूर्णिमा महोत्सव के अवसर पर, साईं बाबा के समाधि मंदिर और मंदिर के आसपास के क्षेत्र को विभिन्न रंग-बिरंगे फूलों से आकर्षक ढंग से सजाया गया था, जिसका श्रेय अमेरिका के एक उदार साईं भक्त सुब्बा पै को जाता है। साईं बाबा के समाधि मंदिर के साथ-साथ द्वारकामाई, गुरुस्थान और चावड़ी मंदिरों को विभिन्न प्रकार के रंग-बिरंगे फूलों जैसे एंथुरियम, कार्नेशन, डच रोज, लिलियम, सूरजमुखी आदि से सजाया गया था। दिलचस्प बात यह है कि नारियल के पत्ते बैंगलोर से लाए गए हैं और उनसे विभिन्न प्रकार की टोकरियाँ बनाई गई थीं। उन्हें रंग-बिरंगे फूलों से सजाया गया था। बताया गया है कि इसके लिए पांच टन फूलों का इस्तेमाल किया गया है। वहीं साईं मंदिर को फूलों से सजाने के लिए 20 से 30 कारीगरों ने चार दिनों तक दिन-रात काम किया। आज जब भक्त प्रसन्न मन से साईं मंदिर में आते हैं तो फूलों की सुंदर सजावट उनकी आंखों को मोह लेती है। इन पुष्प सजावटों के साथ-साथ हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी साईं बाबा मंदिर और आसपास के क्षेत्र में आकर्षक विद्युत प्रकाश व्यवस्था स्थापित की गई है। - गुरु पूर्णिमा के अवसर पर द्वारका में अनुष्ठान पूजा साईं बाबा की अनुमति से शुरू किया गया गुरु पूर्णिमा उत्सव आज भी साईं बाबा संस्थान द्वारा उसी भक्ति के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष संस्था द्वारा तीन दिवसीय गुरु पूर्णिमा महोत्सव 9 जुलाई से 11 जुलाई तक मनाया जा रहा है। बुधवार सुबह काकड़ आरती के बाद साईं की मूर्ति और समाधि को मंगल स्नान कराया गया। इसके बाद मंदिर से गुरुस्थान होते हुए द्वारकामाई तक साईं की तस्वीर, वीणा और साईं सच्चरित्र ग्रंथ के साथ शोभायात्रा निकाली गई। द्वारकामाई में अनुष्ठानिक पूजा के बाद साईं सच्चरित्र का अखंड पाठ शुरू हुआ। साईं सच्चरित्र के प्रथम अध्याय का पाठ साईं संस्थान के सीईओ गोरक्ष गाडिलकर ने किया। इसके बाद अन्य भक्तगण लगातार साईं की जीवनी का पाठ कर रहे हैं और यह पाठ आज गुरुवार सुबह संपन्न होगा। - दो हजार तस्वीरों की लगी एक प्रदर्शनी गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गुजरात के साईं भक्तों ने दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक अनूठी व्यवस्था की है। साईं के शिरडी प्रवास के आरंभ से लेकर आज तक के विभिन्न पहलुओं को दर्शाती दो हजार तस्वीरों की एक प्रदर्शनी साईं मंदिर के सामने सरंजाम बाग में आयोजित की गई है। साईं बाबा की जीवनी साईं चरित्र में पढ़ी जा सकती है। हालाँकि, गुजरात के भक्तों ने साईं की जीवनी को फोटोग्राफिक रूप में संकलित किया है और इसे पहली बार शिरडी में एक स्थान पर प्रस्तुत किया है। इस प्रदर्शनी में साईं बाबा के समकालीन भक्तों की विभिन्न तस्वीरें भी रखी गई हैं। संतोष झा- ०९ जुलाई/२०२५/ईएमएस